Chandauli News:जिले में स्वास्थ्य पर प्रशासन का प्रहार: एसडीएम दिव्या ओझा ने तीन फर्जी अस्पतालों को किया सील,धनवंतरी और दुर्गा शक्ति अस्पताल पर गिरी गाज, बिना लाइसेंस इलाज करने वालों पर सख़्त कार्रवा

अवैध क्लीनिकों पर कसा शिकंजा, अब जिले में बिना अनुमति अस्पताल चलाना होगा नामुमकिन

संवाददाता कार्तिकेय पाण्डेय

चंदौली। ज़िले में स्वास्थ्य सेवाओं में फैली अनियमितताओं पर अब प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। गुरुवार को एसडीएम दिव्या ओझा ने अपनी टीम के साथ सदर क्षेत्र में औचक छापेमारी कर तीन फर्जी अस्पतालों को सील कर दिया। कार्रवाई में धनवंतरी अस्पताल (दो शाखाएं) और दुर्गा शक्ति अस्पताल शामिल हैं।

निरीक्षण के दौरान टीम को इन अस्पतालों में न तो वैध रजिस्ट्रेशन मिला और न ही कोई योग्य डॉक्टर मौजूद था। मरीजों का इलाज अयोग्य कर्मचारियों द्वारा किया जा रहा था, जिससे उनकी जान को गंभीर खतरा था। अस्पतालों की हालत देखकर एसडीएम ने मौके पर ही सीलिंग का आदेश जारी कर दिया।इस कार्रवाई के बाद अस्पताल संचालकों में हड़कंप मच गया। कई जगहों पर स्टाफ ने अफरा-तफरी में अस्पताल खाली कर दिए। आसपास के लोगों ने भी कार्रवाई के समय भारी संख्या में इकट्ठा होकर स्थिति को देखा।एसडीएम दिव्या ओझा ने सख़्त लहजे में कहा कि बिना रजिस्ट्रेशन और बिना योग्य चिकित्सकों के अस्पताल चलाना कानूनन अपराध है। प्रशासन इसे किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं करेगा। मरीजों की ज़िंदगी से खिलवाड़ करने वालों को जेल भेजा जाएगा।उन्होंने चेतावनी दी कि जिले में जितने भी अवैध अस्पताल, नर्सिंग होम या क्लीनिक संचालित हो रहे हैं, उन पर एक-एक कर शिकंजा कसा जाएगा। सभी संचालकों को जल्द से जल्द अपने संस्थान का वैध पंजीकरण कराना होगा, अन्यथा सख़्त कार्रवाई तय है।सूत्रों के अनुसार, जिले में कई छोटे अस्पताल और नर्सिंग होम लंबे समय से बिना अनुमति चल रहे थे। प्रशासन को लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि वहां अनुभवहीन लोग मरीजों का इलाज कर रहे हैं। कई बार गंभीर मरीजों को समय पर सही उपचार न मिलने से जान का खतरा बढ़ जाता था।

गुरूवार की इस कार्रवाई से स्वास्थ्य विभाग में खलबली मच गई है। अधिकारियों ने संकेत दिया है कि आने वाले दिनों में बड़े स्तर पर जांच अभियान चलेगा। जिन संस्थानों की फाइलें अधूरी या गलत पाई गईं, उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी।स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन की सख़्ती का स्वागत किया। उनका कहना है कि फर्जी अस्पताल मरीजों की ज़िंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे थे। ऐसे संस्थानों पर रोक लगने से आम लोगों का भरोसा बढ़ेगा और उन्हें सुरक्षित इलाज मिल सकेगा।एसडीएम ने बताया कि जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने के लिए यह पहला बड़ा कदम है। जल्द ही अन्य अस्पतालों की भी जांच की जाएगी और जो भी नियमों के विपरीत पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई में कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी।अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि सील किए गए अस्पताल तब तक नहीं खुलेंगे, जब तक वे सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी नहीं कर लेते और योग्य चिकित्सक नियुक्त नहीं करते।इस छापेमारी में एसडीएम के साथ स्वास्थ्य विभाग की टीम, पुलिस बल और प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद थे। कार्रवाई को देखते हुए आसपास के क्षेत्रों में मौजूद अन्य छोटे अस्पतालों के मालिक भी सतर्क हो गए हैं।प्रशासन का कहना है कि यह अभियान आगे भी जारी रहेगा।उद्देश्य यही है कि चंदौली में कोई भी मरीज ऐसे अस्पताल की चपेट में न आए, जहां सुरक्षा और उपचार के मानक पूरे न होते हों।यह सख़्ती जिले में स्वास्थ्य सेवाओं के स्तर को सुधारने के साथ-साथ लोगों में जागरूकता भी बढ़ाएगी। आम नागरिकों से अपील की गई है कि वे इलाज के लिए अस्पताल चुनने से पहले उसका पंजीकरण और डॉक्टरों की योग्यता ज़रूर जांच लें।