Chandauli News:ग्रापए के तत्वाधान में अखिल भारतीय हास्य कवि सम्मेलन सम्पन्न,एक से बढ़कर एक रचनाओं ने श्रोताओं को खूब लुभाया

विकास खण्ड कार्यालय परिसर में हास्य व्यंग्य की फुलझड़ियों से श्रोता हुए लोट-पोट

संवाददाता कार्तिकेय पाण्डेय

शहाबगंज।गहरे अंधेरे की देहरी से जब शाम ने अपना सोना-सा आलम बिखेरा था,तब हंसी-ठहाकों,शोर-स्वर और भावुक कविताओं की एक अनोखी बहार शुरू हुई।ये बहार थी उस शाम की जब ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन तहसील इकाई चकिया के तत्वाधान में विकास खण्ड कार्यालय परिसर में कर्मनाशा नदी के समीप आयोजित हुए अखिल भारतीय हास्य-कवि सम्मेलन में जहां एक-एक रचना ने श्रोताओं की संवेदनाओं को हंसी, व्यंग्य,श्रृंगार से भर दिया।
कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि
क्षेत्रीय विधायक कैलाश आचार्य,पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष छत्रबली सिंह,चकिया चेयरमैन गौरव श्रीवास्तव तथा ग्रापए जिलाध्यक्ष आनंद प्रताप सिंह ने मां सरस्वती के तैल चित्र पर पुष्प अर्पित तथा दीप प्रज्ज्वलित कर किया।इस दौरान मुख्य अतिथि क्षेत्रीय विधायक कैलाश आचार्य ने कहा कि हास्य के बिना जीवन अधूरा है।उन्होंने कहा कि आधुनिक जीवन शैली में तो हास्य और भी आवश्यक हो गया है।विशिष्ट अतिथि पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष छत्रबली सिंह ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन बहुत ही सराहनीय है।हास्य के माध्यम से वर्तमान व्यवस्था पर चोट पहुंचाकर आवाज को सरकार तक पहुंचाई जाती है।कार्यक्रम के दौरान क्षेत्र के बरांव गांव की दोनों हाथ से दिव्यांग बालिका वंदना प्रजापति को अंगवस्त्र व स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मान किया गया।इस दौरान सभी लोगों ने खड़े होकर बालिका का उत्साह बढ़ाया।दिव्यांग बालिका अपने पैरों से खूबसूरत पेंटिंग बनाती है तथा पढ़ने में भी तेज है उसने नवोदय विद्यालय का प्रवेश परीक्षा भी पास किया था लेकिन तकनीकी दिक्कतों से एडमिशन से वंचित हो गई।इसके बाद कवियों ने अपनी रचनाओं से लोगों को ताली बजाने पर मजबूर कर दिया।सबसे पहले कोटा राजस्थान से आए पैरोडी किंग आदित्य जैन ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की।इसके बाद एक-एक प्रस्तुति ने ऐसा आनंदित माहौल बनाया कि श्रोता अंत तक बैठे रहे,ठहाका लगा,तालियां बजीं,आंखों में हल्की नमी भी आई।उन्नाव से प्रख्यात कवि स्वयं श्रीवास्तव ने युवाओं के आवाज को उठाते हुए कहा ऐसा नहीं है कि सारा फलक मांग रहे हैं,हम सिर्फ अपने हिस्से का हक मांग रहे हैं।
सरकार तुम चलाओ हमको नौकरी तो दो,रोटी के लिए थोड़ा नमक मांग रहे हैं।इस पंक्ति ने न केवल मंच को बल्कि वहां मौजूद दर्शकों के मानस-पटल को झकझोर कर रख दिया।अंतरराष्ट्रीय कवियत्री मोनिका दुबे ने शहर के शोर में वीरानियां हैं,वहां तुम हो मगर तन्हाइयां हैं सुनाकर ख़ूब वाहवाही लूटी।प्रयागराज से आए हास्य कवि अखिलेश द्विवेदी ने हम अपना दर्द बांटे या न बांटे पर हंसी बांटे सुनाकर तालियां बजाने पर लोगों को मजबूर के दिया।पैरोडी किंग आदित्य जैन ने परिवार छोड़कर गए सरहद के काम पर सुनाकर पूरा माहौल देशभक्ति कर दिया।प्रतापगढ़ से आईं प्रीति पांडेय ने मेहनत से चमकने का हुनर सिख रही हूं,सीतामढ़ी बिहार के प्रशांत बजरंगी ने भाग्य में अपने सफर है हार नहीं सुनाकर श्रोताओं को खूब आनंदित किया।मंच का संचालन कर दमदार बनारसी ने अपने चिरपरिचित अंदाज में श्रोताओं को भोर तक बांधे रहे उन्होंने पापा की परी सुनाकर लोगों को ख़ूब हंसाया।कार्यक्रम के दौरान आयोजकों द्वारा अतिथियों को अंगवस्त्र व स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया।इस अवसर पर मुख्य रूप से पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू , पूर्व विधायक शिव तपस्या पासवान,पूर्व विधायक जितेंद्र कुमार एड,खंड विकास अधिकारी दिनेश सिंह,खंड शिक्षा अधिकारी अजय कुमार,प्रमुख प्रतिनिधि राकेश सिंह,प्रभारी निरीक्षक अशोक कुमार मिश्रा,डॉ ज्ञान प्रकाश सिंह, कमलेश सिंह,आनंद सिंह,शीतला प्रसाद राय,गुरुदेव चौहान,पवन सिंह,उपेंद्र मिश्रा,केशरी नंदन जायसवाल,शमशाद अंसारी, सत्येन्द्र सिंह,नीरज सिंह आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम में आए अतिथियों का स्वागत विनोद सिंह ने किया।