हरदोई में महिला आरक्षी की बहन के शव से लूट के मामले में आया नया मोड़, बर्खास्त कर्मचारी रूपेश पटेल ने खुद को बताया निर्दोष, वीडियो वायरल कर कहा कि सीएमओ को चैलेंज देता हूं सीसीटीवी फुटेज से जां

हरदोई। चीरघर में शव से लूट के मामले में सीएमओ ने दो कर्मचारियों को बर्खास्त किया है। जिसमें कर्मचारी रूपेश पटेल ने वीडियो वायरल कर मामले में नया मोड़ ला दिया है। कर्मचारी का कहना है कि मेरा काम वहां पर पंचनामा चढ़ाना और लिफाफा बनाना है। फार्मासिस्ट के दवाब में टीम गठित हुई जिसने मुझ पर सारे आरोप लगा दिए। जबकि सीसीटीवी फुटेज चेक करा ली जाए मैं अंदर तक नहीं गया हूं। कर्मचारी ने इस तरह से सीएमओ को चैलेंज देते हुए मामले में जांच कराने की मांग की है।

बताते चलें कि मधौगंज थाने में तैनात महिला आरक्षी निक्की की बहन की संदिग्ध अवस्था में 9 अप्रैल को मौत हो गई थी। जिसका पोस्टमार्टम होने के लिए शव 100 शैय्या हॉस्पिटल चीरघर हरदोई में आया था। जिसमें उसके कान की बाली और नाक की कील किसी ने निकाल ली थी। अंतिम संस्कार के बाद जब महिला आरक्षी वापस ड्यूटी पर आई तो उसने इस घटना के बाबत सीएमओ डॉ. रोहतास कुमार को जानकारी दी। शिकायत मिलते ही पूरे स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया। आनन फानन में सीएमओ ने जांच के लिए दो सदस्यीय टीम गठित कर दी। जिसमें एसीएमओ सुरेश कुमार और सीएचसी अहिरोरी के अधीक्षक डॉ. मनोज कुमार शामिल थे। उन्होंने जांच रिपोर्ट में दो आउटसोर्स कर्मचारियों रूपेश पटेल और वाहिद को दोषी पाया। जिनको सीएमओ ने बर्खास्त कर दिया और सेवा प्रदाता कंपनी को पत्र भेजकर सीएमओ ने चेतावनी दी है कि कर्मचारियों की नियुक्ति करते समय उनके आचरण के बारे में पता कर लें।

इसके बाद सीएमओ डॉ. रोहतास कुमार द्वारा की गई कार्रवाई पर सवाल उठने लगे। बर्खास्त किए गए कर्मचारी ने वीडियो वायरल कर सीएमओ को चैलेंज किया है कि सीसीटीवी फुटेज को चेक किया जाए। जिसमें सब पता चल जाएगा कि किसने चोरी कि और कौन शव के आसपास गया। उसका कहना है कि मेरा काम पंचनामा चढ़ाना और लिफाफा बनाना है। वहां के फार्मासिस्ट के दवाब में टीम गठित हुई थी उस टीम ने मेरे ऊपर सारे आरोप लगा दिए है। उस टीम में जांच में दोनों फार्मासिस्ट बैठे हुए थे सामने त्रिपाठी जी थे,मनोज सिंह थे और एक अन्य डॉक्टर थे। जिन्होंने बुला बुलाकर बारी -बारी से सब की गवाही ली थी। मुझसे यही पूछा गया गवाही में कि आप वहां पर क्या करते है। मैंने बताया कि पुलिस पंचनामा लेकर आती है उसको चढ़ाता हूं और लिफाफा बनाता हूं। इसी तरह सबसे पूछा गया सबने अपना अपना बयान दिया। उसी बयान पर कार्रवाई की गई जबकि मैं अंदर गया भी नहीं हूं। जो टीम गठित की गई थी उसमे हिम्मत है तो सीसीटीवी फुटेज निकलवाए और अगर मैं दोषी हूं तो मुझे उचित सजा दी जाए। नहीं तो किसी भी निर्दोष को न फंसाया जाए,टीम वाले भी सुन ले फर्जी किसी को फंसाया नहीं जाता हैं।

सूत्रों के मुताबिक पोस्टमार्टम हाउस में काफी दिनों से शव से जेवर गायब करने का खेल चल रहा था। जहां पर आर्टिफिशियल ज्वैलरी भी रखी पाई गई है। जिसमें सोने के जेवर निकालकर शव को आर्टिफिशियल ज्वैलरी पहनाई जाती थी। हालांकि इसमें क्या सच्चाई है यह जांच का विषय हैं।