एसटीएफ के नाम पर ठगा अपने काम पर जाल में फंसे फर्जी अक्सर

बरेली। एसटीएफ अफसर बनकर जिले में काफी समय से रौब गांठ रहे दो युवकों को एसटीएफ की बरेली यूनिट ने गिरफ्तार कर लिया। डीएसपी अब्दुल कादिर के साथ टीम ने गांधी उद्यान के पास से इनकी काली स्कॉर्पियो भी बरामद कर ली, जिस पर एसटीएफ लिखा था।प्लस्टिक की पिस्टल भी मिली।आरोपी विशारतगंज व आंवला के निवासी हैं। इनमें से एक का भाई सेना में अधिकारी बताया जा रहा है।स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के डीएसपी को सूचना मिली कि दो युवक गांधी उद्यान के पास लोगों को धमकाकर वसूली कर रहे हैं। सूचना पर टीम पहुंची तो काले रंग की स्कॉर्पियो मिली, जिस पर एसटीएफ लिखा था फर्जी एसटीएफ अधिकारी चनकर यहां खड़े दो युवकों को टीम ने गिरफ्तार कर लिया। टीम ने दोनों के खिलाफ कोतवाली में रिपोर्ट करा दी।इनमें एक आरोपी गांव सिसौना विशारतगंज निवासी हिमांशु शर्मा और दूसरा मोहल्ला गंज कुरैशियान आंवला निवासी शिवम शर्मा है।आरोपियों के पास से प्लास्टिक की पिस्टल, दो आधार कार्ड, दो मोबाइल फोन और 3100 रुपये बरामद हुए।आरोपी प्लास्टिक की पिस्टल बिल्कुल उसी तरह कमर में लगाते थे जैसेएसटीएफ के लोग लगाते हैं।

गाड़ी पर एसटीएफ लिखवाने से फंसे

गाड़ी हिमांशु शर्मा की निकली। हिमांशु ने बताया कि उसके भाई रमाकांत शर्मा सेना में जेसीओ हैं। सेना में भी एक मिलिट्री इंटेलिजेंस यूनिट होती है जो एसटीएफ के समकक्ष काम करती है। इसलिए उसने अपनी स्कॉर्पियो पर एसटीएफ लिखवा लिया था। उन्हें एसटीएफ अफसर बनकर घूमना अच्छा लगता था। वहीं, एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक आरोपियों की गिरफ्तारी भी इसी वजह से हो सकी कि उन्होंने गाड़ी पर एसटीएफ लिखवा रखा था। जबकि असली टीम कभी इस तरह से खुद को प्रचारित नहीं करती है।