ललितपुर न्यूज:- अभिवावकों को प्राईवेट स्कूलों में देनी होगी तीन की शिक्षण शुल्क- जिलाधिकारी बेसिक व माध्यमिक विद्यालयों संचालको के साथ बैठक संपन्न

ललितपुर न्यूज:- अभिवावकों को प्राईवेट स्कूलों में देनी होगी तीन की शिक्षण शुल्क- जिलाधिकारी

बेसिक व माध्यमिक विद्यालयों संचालको के साथ बैठक संपन्न


ललितपुर:
जिलाधिकारी योगेश कुमार शुक्ल की अध्यक्षता में जनपद के बेसिक एवं माध्यमिक विद्यालय संचालकों के साथ विद्यालय शुल्क के सम्बंध में एक आवश्यक बैठक कलैक्ट्रेट सभागार में आयोजित की गई। बैठक में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा बताया गया कि शासन द्वारा किसी माह की फीस माफी के सम्बंध में कोई निर्देश वर्तमान समय तक नहीं दिये गए हैं। यदि कोई अभिभावक इस संकट के समय आर्थिक स्थिति के कारण फीस नहीं दे पाता है तो ऐसे अभिभावकों से आगामी माह में विद्यालय संचालकों द्वारा कोई लेट फीस नहीं ली जाएगी। आज की यह बैठक विद्यालय संचालकों के साथ स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों के अभिभावकों की शुल्क संबंधी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए आयोजित की गई है।
बैठक में जिला विद्यालय निरीक्षक ने माध्यमिक विद्यालयों के सम्बंध में कहा कि शासन के निर्देशानुसार माह अपै्रल, मई एवं जून में बच्चों से परिवहन सम्बंधी कोई शुल्क न लिये जाने के निर्देश दिये गए हैं, साथ ही शासन द्वारा यह भी निर्देशित किया गया है कि विद्यालय शुल्क में कोई बृद्धि सत्र 2020-21 में नहीं की जाएगी, साथ ही बच्चों की ड्रेस एवं किताबों में कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा। बैठक में उप जिलाधिकारी सदर ने कहा कि जनपद के विद्यालय इस महामारी के समय में प्रशासन का पूर्ण रुप से सहयोग दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि विद्यालय संचालक अभिभावकों की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए अभिभावकों से उदारतापूर्वक विद्यालय शुल्क लें। विद्यालय संचालक इस समय शिक्षा का पूर्ण सहयोग करें। साथ ही विद्यालय संचालकों को कोई भी समस्या होने पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी एवं जिला विद्यालय निरीक्षक को अवगत करायें। बैठक में विद्यालय संचालकों द्वारा अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा गया कि कोरोना महामारी के वैश्विक संकट के समय जनपद के समस्त प्राईवेट माध्यमिक एवं बेसिक शिक्षा विद्यालयों के संचालक शासन एवं प्रशासन के निर्देशों का पूर्णत: पालन करेंगे तथा प्रशासन का प्रत्येक संभव सहयोग करेंगे। बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि वर्तमान समय में सम्पूर्ण विश्व कोरोना संकट से जूझ रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा को हमारे देश में प्राचीन समय से ही विशेष महत्व दिया जाता है। कुछ समय पूर्व से सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित होने के कारण अभिभावकों का ध्यान प्राईवेट स्कूलों की ओर आकर्षित हुआ है। प्राईवेट स्कूलों के संचालक इस महामारी के समय अभिभावकों की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए उनके विद्यालय शुल्क लेने में प्रत्येक संभव सहायता प्रदान करें, जिससे अभिभावकों पर आर्थिक बोझ कम हो सके। इस संकट की घड़ी में प्रत्येक नागरिक को समाज एवं देश का बढ़चढ़ कर सहयोग करना चाहिए। विद्यालय संचालक आर्थिक रुप से सक्षम अभिभावकों से विद्यालय शुल्क अवश्य लें, साथ ही जिन अभिभावकों की आर्थिक स्थिति कमजोर है, उन्हें विद्यालय शुल्क में विवेकतापूर्ण रियायत प्रदान करें। उन्होंने कहा कि जो अभिभावक विद्यालय की फीस देने में आर्थिक रुप से सक्षम है वे अभिभावक विद्यालय फीस अवश्य दें, जिससे विद्यालय प्रबंधन और आर्थिक रुप से कमजोर व्यक्ति अभिभावकों पर अतिरिक्त प्रभाव न पड़ सके। किताबों की दुकानों पर अनावश्यक भीड़ न लगायी जाये, इसके लिए हो सके तो अभिभावक किताबें ऑनलाइन ही क्रय करें। विद्यालयों में पढ़ाई के सम्बंध में कार्य की मनाही नहीं है अपितु भीड़-भाड़ की मनाही है। हमें अपने कार्यों को मास्क, सेनेटाइजर एवं सोशल डिस्टेंसिंग के नियम-शर्तों के साथ पूर्ण करना है। उन्होंने कहा कि विद्यालय संचालक विद्यालय में कार्यरत प्राईवेट कर्मचारियों से सोशल डिस्टेंसिंग एवं नियम-शर्तों का पालन कराते हुए कार्य लें। बैठक में अपर जिलाधिकारी अनिल कुमार मिश्र, अपर पुलिस अधीक्षक ए.के. विजेता, उप जिलाधिकारी सदर गजल भारद्वाज, जिला विद्यालय निरीक्षक रामशंकर, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रामप्रवेश सहित जनपद के प्राईवेट विद्यालयों के विद्यालय संचालक उपस्थित रहे।