कायस्थ समाज ने भगवान चित्रगुप्त की पूजा किया,राष्ट्रीय कार्यवाहक अध्यक्ष डॉ रमाशंकर श्रीवास्तव ने कांकेर मे, जबकि छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने नारायणपुर में संगठन के

अखिल भारतीय कायस्थ महासभा 7235 के द्वारा कलम दवात एवं भगवान चित्रगुप्त की पूजा का आयोजन छत्तीसगढ़ में अनेक जगह किया गया। इस अवसर पर कायस्थ समाज के लोगों ने भगवान चित्रगुप्त का एवं कलम दवात का विधिवत पूजन कर आज कलम से लेखनी कार्य प्रारंभ किया।

भगवान चित्रगुप्त की कथा हिंदू पौराणिक कथाओं में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है। चित्रगुप्त भगवान को लेखन और लेखाकार्य के देवता के रूप में पूजा जाता है।

कथा के अनुसार, भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना के लिए एक ऐसे देवता की आवश्यकता महसूस की जो जीवों के कर्मों का लेखा-जोखा रख सके। तब उन्होंने अपने नेत्रों से एक पुरुष की रचना की, जो चित्रगुप्त भगवान के नाम से प्रसिद्ध हुए।

चित्रगुप्त भगवान को ब्रह्मा जी ने लेखनी, दवात और पुस्तक प्रदान की, जिससे वे जीवों के कर्मों का लेखा-जोखा रख सकें। उन्हें धर्मराज के दरबार में नियुक्त किया गया, जहां वे जीवों के कर्मों के आधार पर उनके भाग्य का निर्णय करते हैं।

कायस्थ समाज भगवान चित्रगुप्त को अपना आराध्य मानता है और उनकी पूजा-अर्चना करता है। कलम दवात पूजा के अवसर पर, कायस्थ समाज के लोग भगवान चित्रगुप्त की पूजा करते हैं और कलम से लेखनी कार्य प्रारंभ करते हैं।

कांकेर में राष्ट्रीय कार्यवाहक अध्यक्ष डॉ रमाशंकर श्रीवास्तव ने अपने परिवार के साथ पूजन किया, जबकि छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने नारायणपुर में संगठन के सदस्यों के साथ पूजन कार्यक्रम आयोजित कर संपन्न किया।