Chandauli News:मिशन शक्ति में महिलाओं की सशक्त आवाज बनीं सीओ स्नेहा तिवारी,विद्यालयों और बाजारों में जाकर बालिकाओं को दी आत्मरक्षा और सुरक्षा की सीख

हेल्पलाइन नंबर, सरकारी योजनाओं और साइबर अपराधों के प्रति किया जागरूक

संवाददाता कार्तिकेय पाण्डेय

चंदौली।। उत्तर प्रदेश सरकार के मिशन शक्ति अभियान के तहत जनपद में महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण को लेकर विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इस पहल में सकलडीहा की क्षेत्राधिकारी स्नेहा तिवारी अग्रणी भूमिका निभा रही हैं। महिला अधिकारी होने के नाते उन्होंने न सिर्फ महिलाओं और बालिकाओं से सीधा संवाद किया, बल्कि उनके आत्मविश्वास को भी मजबूत किया।

सीओ स्नेहा तिवारी ने कॉलेजों और बाजारों में पहुंचकर छात्राओं और स्थानीय महिलाओं को सुरक्षा से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर जानकारी दी। उन्होंने कहा कि महिलाओं को सतर्क और आत्मनिर्भर बनना समय की मांग है। इसके लिए सरकार और पुलिस प्रशासन हर स्तर पर मदद के लिए तत्पर है।उन्होंने छात्राओं को बताया कि वूमेन पॉवर लाइन-1090, पुलिस आपातकालीन सेवा-112, महिला हेल्पलाइन-181, चाइल्ड लाइन-1098, साइबर हेल्पलाइन-1930 जैसे हेल्पलाइन नंबर उनकी सुरक्षा के लिए हर समय उपलब्ध हैं। उन्होंने बालिकाओं को गुड टच-बैड टच, साइबर अपराधों और घरेलू हिंसा जैसे गंभीर विषयों पर जागरूक करते हुए कहा कि डरने के बजाय ऐसी परिस्थितियों का डटकर मुकाबला करना चाहिए।

स्नेहा तिवारी ने कहा कि समाज में बदलाव तभी संभव है जब महिलाएं खुद आगे बढ़कर अपनी सुरक्षा के लिए सजग रहें। उन्होंने महिलाओं को शासन की कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी और पंपलेट भी वितरित किए।उनकी कार्यशैली की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि वह केवल मंच से बयान नहीं देतीं बल्कि फील्ड में उतरकर खुद भीड़ के बीच जाकर संवाद करती हैं। बालिकाओं के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने उन्हें आत्मरक्षा तकनीकों के महत्व के बारे में बताया और कहा कि प्रशासन हर कदम पर उनके साथ खड़ा है।साथ ही उन्होंने थाना स्तर पर नवस्थापित मिशन शक्ति केंद्र की भी जानकारी दी, जहां महिलाओं को परामर्श, कानूनी मदद और अन्य सेवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। उन्होंने महिलाओं से अपील की कि किसी भी समस्या की स्थिति में तुरंत पुलिस से संपर्क करें।स्थानीय लोग सीओ स्नेहा तिवारी की सक्रियता की सराहना कर रहे हैं। उनका कहना है कि वह केवल निर्देश देने तक सीमित नहीं रहतीं, बल्कि महिलाओं के बीच जाकर उन्हें आत्मनिर्भर और निडर बनने के लिए प्रेरित भी करती हैं।त्योहारों के मद्देनज़र चल रहे इस अभियान ने न केवल सुरक्षा का भरोसा बढ़ाया है बल्कि महिलाओं और बालिकाओं में आत्मविश्वास भी जगाया है।