रेलवे बोर्ड के सदस्य (इन्फ्रास्ट्रक्चर)नवीन गुलाटी का अहमदाबाद मंडल दौरा

रेलवे बोर्ड के सदस्य (इन्फ्रास्ट्रक्चर)नवीन गुलाटी का अहमदाबाद मंडल दौरा

साबरमती स्टेशन पर चल रहे विभिन्न पुनर्विकास कार्यो का किया निरीक्षण

रेलवे बोर्ड के सदस्य (इन्फ्रास्ट्रक्चर)नवीन गुलाटी ने 19 सितंबर,को पश्चिम रेलवे के अहमदाबाद मण्डल का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने अहमदाबाद स्थित साबरमती रेलवे स्टेशन का निरीक्षण किया और स्टेशन पर चल रहे पुनर्विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा की।गुलाटी ने स्टेशन परिसर में लगाए गए लघु मॉडल का अवलोकन किया, जिसमें पुनर्विकसित स्टेशन का प्रस्तावित स्वरूप दर्शाया गया है। इसके अतिरिक्त उन्होंने साबरमती स्टेशन के जेल साइड क्षेत्र एवं मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब (MMTH) का भी निरीक्षण किया जो बहु-मॉडल परिवहन केंद्र के रूप में पुनर्विकास किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य परिवहन के आगामी और मौजूदा साधनों को एकीकृत करना है जिसमें रेलवे, सिटी मेट्रो नेटवर्क, हाई स्पीड रेल नेटवर्क, सिटी BRT बस नेटवर्क और सिटी बस सेवाएं शामिल हैं। स्टेशन परिसर को बहु-मॉडल परिवहन केंद्र के रूप में विकसित किए जाने के कारण यहां यात्रियों की आवाजाही अधिक होगी साथ ही यात्री सुविधाओं के विस्तार और निर्माण गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया गया है। श्री गुलाटी ने यह भी बताया कि साबरमती स्थित इंटीग्रेटेड कोचिंग डिपो (ICD) में वंदे भारत ट्रेनसेट्स के मेंटेनेंस का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है, जो वर्ष 2025 के अंत तक पूर्ण हो जाने की संभावना है। इसके बाद इस डिपो में और अधिक वंदे भारत ट्रेनों का पीरियॉडिक ओवरहॉल (POH) एवं मेंटेनेंस कार्य किया जा सकेगा। उन्होंने रेलवे के भविष्य की योजनाओं की ओर संकेत करते हुए कहा कि रेलवे यात्री सुविधाओं को विश्वस्तरीय बनाने की दिशा में लगातार कार्य कर रहा है और इसके लिए आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर तथा डिजिटल तकनीकों का भरपूर उपयोग किया जा रहा है।निरीक्षण के दौरान गुलाटी ने मण्डल के वरिष्ठ रेल अधिकारियों के साथ अहमदाबाद मण्डल में चल रही विभिन्न रेल परियोजनाओं की प्रगति पर विस्तृत चर्चा की गई। उन्होंने जानकारी दी कि साबरमती से सरखेज के बीच प्रस्तावित नई ब्रॉड गेज रेल लाइन परियोजना स्वीकृत हो चुकी है। यह रेल लाइन भविष्य में अहमदाबाद क्षेत्र में रेल यातायात का दबाव कम करने में सहायक होगी। रेल कनेक्टिविटी को और मजबूत करेगी तथा ट्रेनों की गति में वृद्धि करने में सहायक होगी।
साबरमती-सरखेज दोहरीकरण परियोजना 21 किलोमीटर लंबे रेल मार्ग को कवर करती है, जिसके अंतर्गत साबरमती डी केबिन से सरखेज तक मौजूदा रेलवे लाइन का दोहरीकरण किया जा रहा है। यह नई ब्रॉड गेज (बीजी) दोहरी लाइन मौजूदा लाइन के समानांतर बिछाई जाएगी। यह लाइन 130 किलोमीटर प्रति घंटे की गति क्षमता के अनुरूप डिज़ाइन की गई है, जो इस मार्ग के भारी उपयोग और यात्री एवं माल ढुलाई?दोनों के लिए महत्वपूर्ण होगी।
यह परियोजना प्रस्तावित सरखेज?धोलेरा नई ब्रॉड गेज दोहरी लाइन के लिए एक प्रमुख प्रस्थान बिंदु के रूप में भी कार्य करेगी, जिससे क्षेत्रीय रेलवे नेटवर्क और अधिक सशक्त होगा। वर्तमान में इस मार्ग पर माल ढुलाई 2.46 मिलियन टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) है, जो परियोजना के चालू होने के पहले वर्ष में 4.65 एमटीपीए और ग्यारहवें वर्ष तक बढ़कर 15.05 एमटीपीए तक पहुँचने का अनुमान है। इस मार्ग में गांधीग्राम, वस्त्रापुर और सरखेज तीन स्टेशन शामिल हैं। इसके अलावा, परियोजना में 16 छोटे पुल, 13 लिमिटेड हाइट सबवे (एलएचएस), 8 लेवल क्रॉसिंग और चांदलोडिया के पास एक रेल फ्लाईओवर (आरएफओ) का निर्माण भी प्रस्तावित है।
साबरमती-सरखेज दोहरीकरण परियोजना इस क्षेत्र में रेलवे क्षमता के विस्तार और बेहतर कनेक्टिविटी की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, जो मजबूत रेलवे अवसंरचना के माध्यम से दीर्घकालिक सामाजिक-आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करेगी।

अहमदाबाद बाईपास के हिस्से के रूप में बारेजड़ी नांदेज (गेरतपुर) और साणंद के बीच 38.20 किलोमीटर लंबी चौथी रेलवे लाइन का निर्माण कार्य तेज़ी से प्रगति पर है।इस परियोजना को ₹961.67 करोड़ की लागत से मंजूरी दी गई है। साबरमती नदी पर 30.5 मीटर लंबे 26 स्पैन वाला एक बड़ा पुल वर्तमान में निर्माणाधीन है। सिविल कार्यों के लिए दो टेंडर खोले गए हैं, जिन्हें अंतिम रूप दिया जा रहा है।
परियोजना के तहत भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया भी जारी है; पाँच गाँवों के लिए भूमि आवंटन पहले ही किया जा चुका है, जबकि शेष गाँवों के लिए अधिग्रहण प्रक्रिया अंतिम चरण में है।
यह नई रेलवे लाइन रणनीतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह पश्चिम रेलवे के सबसे व्यस्त स्टेशनों में से एक, अत्यधिक भीड़भाड़ वाले अहमदाबाद रेलवे स्टेशन को बाईपास करेगी, विशेषकर वीरमगाम-अहमदाबाद कॉरिडोर पर मालगाड़ियों की आवाजाही के संदर्भ में, मौजूदा वीरमगाम-साबरमती-अहमदाबाद-गेरतपुर खंड पर भीड़भाड़ को कम करना और क्षेत्र के रेलवे बुनियादी ढांचे में परिचालन दक्षता सुधारने के लिए आवश्यक है।
बारेजड़ी नांदेज और साणंद के बीच इस चौथी लाइन का निर्माण इन क्षमता संबंधी बाधाओं को दूर करने में अहम भूमिका निभाएगा। परियोजना के चालू होने के बाद, रेलवे डिवीजन परिचालन आवश्यकताओं के आधार पर इस नए मार्ग पर यात्री ट्रेनों के मार्ग परिवर्तन या संचालन पर भी विचार कर सकता है।