भारतीय रेल द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है तथा इसका निर्माण मधेपुरा, बिहार स्थित इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव फैक्ट्री में किया जा रहा है।

WAG-12B लोकोमोटिव

WAG-12B एक ट्विन-सेक्शन 25 केवी एसी इलेक्ट्रिक मालवाहक इंजन है, जिसे मेसर्स एल्स्टॉम (Alstom) और भारतीय रेल द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है तथा इसका निर्माण मधेपुरा, बिहार स्थित इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव फैक्ट्री में किया जा रहा है। यह निर्माण कार्य प्रोक्योरमेंट कम मेंटेनेंस एग्रीमेंट (PCMA) दिनांक 30 नवम्बर 2015 के अंतर्गत किया जा रहा है, जिसके अनुसार 11 वर्षों की अवधि में कुल 800 WAG-12 इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव की आपूर्ति की जानी है।इस परियोजना के अंतर्गत पहला इंजन वर्ष 2017 में मधेपुरा इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव फैक्ट्री से रोल-आउट किया गया और उसे सहारनपुर डिपो में आवंटित किया गया। यहाँ तक कि 250वें लोकोमोटिव के निर्माण तक इन्हें सहारनपुर में ही रखा गया। इसके बाद 251वें से 500वें लोकोमोटिव के निर्माण तक को नागपुर शेड में होम किया गया।वहीं, 501वें से 800वें लोकोमोटिव के निर्माण तक कुल 300 WAG-12B इंजनों के रख-रखाव हेतु तीसरा मेंटेनेंस डिपो साबरमती शेड को नामित किया गया है। वर्तमान तिथि तक, साबरमती लोको शेड में कुल 50 WAG-12 विद्युत इंजनों को होम किया गया है।

SN Features Specifications

1. Length/ 38.4 mtrs.

2. Weight 180t can be up-gradable to 200t

3. Bogie configuration Bo-Bo arrangement eight axles

4. Axle Load 22.5 t provisions can be upgradable to 25 t

5. Max Speed 100 km/h can be up-graded up-to 120 km/h

6. Tractive Effort Starting 612 KN and up-gradeable up-to ~785 KN

7. Brake System Regenerative + pneumatic (brake blending)

8. Freight Capability Up-to 6,300 tonnes haulage

अधिक विद्युत शक्ति/ क्षमता की ताक़त को एक्सल लंबाई की सीमा में फिट करने के लिए इस लोकोमोटिव को दो यूनिटों में विभाजित किया गया है, जो एक वेस्टिब्यूल (गैंगवे) द्वारा आपस में जुड़ी होती हैं। प्रत्येक यूनिट के बाहरी सिरे पर स्वयं का ड्राइविंग कैब होता है। इसे विश्वसनीयता, दक्षता और संचालन की जटिलता को कम करने के उद्देश्य से डिज़ाइन किया गया है, जिसमें आधुनिक सुविधाएँ जैसे कि DDU (ड्राइवर डिस्प्ले यूनिट) में सॉफ्ट-की नियंत्रण, कूलिंग सिस्टम के लिए डिह्यूमिडिफ़ायर, और वातानुकूलित केबिन शामिल हैं।

मशीन विवरण

3 फेज़ लोको को बिना उठाए एक्सल बॉक्स के लिए मोटराइज्ड चेंजिंग किट

मॉडल संख्या:-IE.3PH. एक्सल CK.50

क्षमता:- 50 टन (प्रत्येक एकल हाइड्रोलिक जैक, सक्रिय)

बंद करने की ऊँचाई:- 360 मिमी

ऑपरेटिंग दबाव-550 किग्रा/सेमी2 अधिकतम।

कार्य:- लोको के किसी भी कारण से एक्सल बॉक्स निकालने के लिए इस मशीन का उपयोग किया जाता है। इस हाइड्रोलिक मशीन को किसी भी जगह पर जहां विद्युत सप्लाइ रहती है वहां पर इस कार्य को किया जा सकता है। इस मशीन के द्वारा रेलयान के प्राइमरी क्वाइल स्प्रिंग को भी बदली कर सकते है।

बचत:

यदि रेलयान के एक्सल बॉक्स को रेलयान लिफ्ट करके निकालते है तो 4 शिफ्ट और 12 मैन पावर की आवश्यकता होती है और यदि यही कार्य ड्रॉप टेबल पर करते है तो 3 शिफ्ट और 08 मैन पावर की जरूरत होती है।

लेकिन यह कार्य इस मशीन के द्वारा करते है तो एक शिफ्ट और 03 मैन पावर के द्वारा किया जा सकता है।

इस प्रकार 3 शिफ्ट और 09 मैन पावर की बचत हो सकती है।

मशीन विवरण

पिवट हाउसिंग फिटिंग और डिस्मेंटलिंग के लिए मोटराइज्ड पिवट हाउसिंग चेंजिंग किट।

ऑपरेटिंग प्रेशर-80 kg/cm2

कार्य:- 3 लोको के IOH शैड्यूल और अंडर रिपेयर मरम्मत के दोरान सेंटर पिवोट की इलास्टिक रिंग को बदली करने के लिए इस मशीन का उपयोग किया जाता है। इस मशीन के साथ इलास्टिक रिंग को निकालने और फिट करने के लिए अलग - अलग फिक्सचर है । इस मशीन को किसी भी पिट लाइन जहां पर विद्युत सप्लाइ रहती है, वहां पर इस कार्य को किया जा सकता है। अभी तक यह कार्य वटवा शेड से मशीन लाकर कार्य करते थे जिसमे 4 स्टाफ, 2 शिफ्ट और ट्रांसपोर्टेशन साधन की जरूरत पड़ती थी। अब यह बचत होगी ।

मशीन विवरण

WAG-9 लोको के लिए 70 टन क्षमता का स्फेरिब्लॉक चेंजिंग किट

क्षमता:-70 टन

पिस्टन रॉड व्यास:-70 मिमी

पिस्टन स्ट्रोक:-250 मिमी

दबाव:-220-225 किलोग्राम

कार्य:- 3 लोको के IOH, TOH शैड्यूल के दौरान ऐक्सल गाइड और टोर्कआर्म के स्फेरीब्लोक् को बदली करने के लिए इस मशीन का उपयोग किया जाता है। इस मशीन द्वारा ऐक्सल गाइड और टोर्क आर्म के स्फेरीब्लोक् को बदली करने के लिए अलग - अलग फिक्सचर है। इस मशीन को किसी निश्चित जगह पर जहां विद्युत सप्लाइ रहती है वहां पर इस कार्य को किया जा सकता है।

अभी तक यह कार्य वटवा शेड ऐक्सल गाइड और टोर्कआर्म के स्फेरीब्लोक् और स्फेरीब्लोक् को भेज कर वहाँ के मशीन से करते थे, जिसमे 4 स्टाफ 2 शिफ्ट और ट्रांसपोर्टेशन साधन की जरूरत पड़ती थी । अब यह बचत होगी.