सदर बाजार से अतिक्रमण हटते ही बदली नसीराबाद की तस्वीर, खुला-खुला दिखा शहर

छावनी परिषद की सख्त कार्रवाई और आमजन के सहयोग से शहर को मिली नई पहचान

नसीराबाद शहर में बीते कुछ समय से एक नया रूप देखने को मिल रहा है। विशेषकर सदर बाजार और मुख्य मार्गों से अतिक्रमण हटने के बाद अब शहर खुला-खुला और अधिक व्यवस्थित नजर आने लगा है।

छावनी परिषद द्वारा चार चरणों में की गई सख्त कार्रवाई और शहरवासियों के सहयोग से यह परिवर्तन संभव हो सका है। दुकानदारों और व्यापारियों ने भी स्वेच्छा से अपने अतिक्रमण हटाना शुरू किया, जिससे सड़कों पर अब पहले की तुलना में अधिक जगह दिखाई दे रही है।

20 जुलाई थी अंतिम तिथि

छावनी परिषद ने सदर बाजार क्षेत्र के लिए 20 जुलाई तक की डेडलाइन निर्धारित की थी। अधिकांश दुकानदारों ने समय रहते अतिक्रमण हटा दिया, लेकिन अब देखना होगा कि जो लोग अभी भी अतिक्रमण हटाने में पीछे हैं, उन पर क्या कार्यवाही की जाएगी।

मानसून की दस्तक और नगर की कुछ समस्याएँ

इन दिनों बरसात का मौसम चल रहा है और नसीराबाद भी इससे अछूता नहीं है। नगर के विभिन्न स्थानों पर पानी भराव की समस्या देखने को मिली।

हाउसिंग बोर्ड क्षेत्र में एक स्कूल की दीवार गिर गई।

कोर्ट परिसर में जलभराव से वकीलों और पक्षकारों को परेशानी हुई।

रेलवे स्टेशन फाटक के पास बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं, जिससे यातायात बाधित होता है।

इन समस्याओं को लेकर स्थानीय प्रशासन और उपखंड अधिकारी की ओर से अब तक कोई ठोस पहल नहीं दिखाई दी है।

ट्रैफिक और जाम की समस्या अभी भी बनी हुई

रेलवे फाटक पर फाटक बंद होते ही दोनों तरफ से वाहनों की लंबी कतारें लग जाती हैं, जिससे जाम की स्थिति बनती है। इस समस्या को लेकर पूर्व में कई बार समाचार प्रकाशित हो चुके हैं, लेकिन अब तक समाधान नहीं हुआ।

छावनी परिषद सीईओ का नेतृत्व सराहनीय

छावनी परिषद सीईओ डॉ. नीतीश कुमार गुप्ता के नेतृत्व में चार से पांच चरणों में योजनाबद्ध कार्रवाई को अंजाम दिया गया।

यह कहना उचित होगा कि यह कोई अचानक लिया गया निर्णय नहीं था, बल्कि पूर्व नियोजित और सशक्त प्रशासनिक पहल थी, जिसकी जानकारी पहले ही आमजन को दी गई थी।

डॉ. गुप्ता और उनकी टीम की मेहनत, छावनी परिषद के कर्मचारियों की सक्रियता और आमजन के सहयोग से यह परिवर्तन संभव हो पाया है। वर्षों से रुके हुए कार्य अब गति पकड़ते नजर आ रहे हैं।