शिक्षा के साथ साथ छात्रों में संस्कार विकसित करने चाहिए-डाॅ0 बृजेश सिंह

*महाकवि डॉ० बृजेश सिंह का हुआ नागरिक अभिनंदन*


रसडा़(बलिया)।चित्रगुप्त हाई स्कूल, छिब्बी, विद्यालय परिसर में प्रार्थना स्थल पर डाॅ० बृजेश सिंह जी का नागरिक अभिनंदन किया गया। बताते चलें कि आप अब तक 80 पुस्तकों का प्रणयन कर चुके हैं। आहुति महाकाव्य, वेदमूर्ति महाकाव्य, तीर्थोत्तमा अयोध्या जैसे महाग्रंथों की रचना कर चुके हैं। आपकी पुस्तकों पर विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा छात्र 24 शोध कर चुके हैं। डाॅ० सिंह राष्ट्रीय भाव धारा के कवियों में अपनी पहचान बनाये हुए हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री रामजीलाल श्रीवास्तव तथा संचालन डाॅ० आदित्य कुमार "अंशु"ने किया।रीमा,पुनीता,शिवांगी ने सरस्वती वन्दना प्रस्तुत किया। डाॅ० सिंह ने अपनी पुस्तक "सरस्वती शतकम" , विद्यालय के प्रबंधक शैलेन्द्र कुमार श्रीवास्तव (पंकज) को भेंट दिए और शतकम् के श्लोकों का वाचन किये।डाॅ० आदित्य कुमार "अंशु"को अपनी पुस्तक "वेदमूर्ति महाकाव्य" भेंट स्वरूप प्रदान किए। पंकज श्रीवास्तव ने उनके आगमन पर आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आपके आने पर हम गौरवान्वित हुए। डाॅ० सिंह ने कहा कि शिक्षा के साथ साथ छात्रों में संस्कार विकसित करने चाहिए। मुझे यहाँ छात्रों में यह दिखाई दिया कि विद्याथियो मे संस्कार कूटकूट कर भरा है और 'अंशु' का सफल नेतृत्व बहुत अच्छा लगा। पंकज जी का समर्पण प्रभावित कर रहा है।इस अवसर पर अध्यापक श्री जयराम जी,अशोक जी ,दिनेश जी,गुड्डू जी,मंजय जी,सतीश जी एवं अध्यापिका सिम्पा जी,रितू जी,नेहा जी,सिम्पी, निक्की,अनीषा, माया,अंतिमा आदि मौजूद थे।