हनीट्रैप गैंग की मास्टर माइंड ममता उर्फ मधु गिरफ्तार, प्रतिष्ठित लोगों को जाल में फंसाकर लाखों वसूले

बरेली। हनीट्रैप गैंग की सरगना ममता उर्फ मधु, जो नेताओं, व्यापारियों, डॉक्टरों और पुलिस कर्मियों समेत कई लोगों को ब्लैकमेल करके मोटी रकम ऐंठ चुकी है, को बरेली की बारादरी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उसे डोहरा चौराहे के पास से पकड़ा। आरोपी महिला पर बरेली के विभिन्न थानों में करीब आधा दर्जन केस दर्ज हैं। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के बाद मामले की छानबीन तेज कर दी है।
विशारतगंज के मिर्जापुर निवासी ममता दिवाकर उर्फ मधु, पत्नी अजय कुमार, तुलाशेरपुर, इज्जतनगर की रहने वाली है। वह सोशल मीडिया, वीडियो कॉलिंग और ऑडियो कॉल के जरिए लोगों को अपने जाल में फंसाती थी। वह उनकी निजी वीडियो और ऑडियो रिकॉर्ड कर लेती थी। इसके बाद उन्हें ब्लैकमेल करती और मोटी रकम वसूलती। वह धमकी देती थी कि यदि पैसे नहीं दिए गए, तो वह उनकी रिकॉर्डिंग को सार्वजनिक कर देगी। सुभाषनगर की बीडीए कॉलोनी में रहने वाले एक डॉक्टर को ममता ने अपने जाल में फंसाकर 25 लाख रुपये वसूले। जब उसने और पैसे मांगे तो डॉक्टर ने मानसिक तनाव में आकर आत्महत्या कर ली। इस मामले में ममता पहले भी जेल जा चुकी है। नवाबगंज के एक कारोबारी को इस महिला ने अपने जाल में फंसाकर 5 लाख रुपये की मांग की। जब उसने पैसे देने से इनकार किया तो महिला ने जबरन उससे पैसे छीन लिए। इस मामले में पीड़ित ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।
ममता ने पीलीभीत के एक दरोगा को भी अपने हनीट्रैप में फंसाया। बाद में अश्लील वीडियो कॉल का आरोप लगाकर उसकी शिकायत की जिसके चलते दरोगा को सस्पेंड होना पड़ा। ममता उर्फ मधु के खिलाफ बारादरी में दो, बिथरी चैनपुर में और सुभाषनगर थाने में एक एक मामला दर्ज है। उसकी गिरफ्तारी में बारादरी थाने के उपनिरीक्षक अजीत कुमार, कांस्टेबल हिमांशु दलाल, और महिला कांस्टेबल मयूरी की अहम भूमिका रही। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि ममता ने अब तक किन-किन लोगों को अपना शिकार बनाया है और इस पूरे गिरोह में और कौन-कौन लोग शामिल हैं। ममता से जुड़े हर पहलू की जांच की जा रही है ताकि हनीट्रैप गैंग के पूरे नेटवर्क को खत्म किया जा सके।