चंदौली:एक साल में 500 से अधिक बिछड़े परिवारों के विवादों को सुलझाकर एक दूसरे को जोड़ने वाली महिला थाना प्रभारी से ग्रामीण क्षेत्रों के लोग को भी जगी उम्मीदें

संवाददाता कार्तिकेय पाण्डेय

चंदौली:व्यक्ति जब भी अपने किसी मामले को लेकर थाने और कोतवाली में जाता है तो वह एक न्याय पाने की उम्मीद रखते हुए अपनी शिकायत दर्ज कराता है। ऐसे में कभी तो फरियादियों को तत्काल न्याय मिल जाता है लेकिन कुछ को तो न्याय मिलने की आस में वर्षों तक थानों के चक्कर काटते रहते हैं। हालांकि अधिकारियों की बात करें तो कुछ अधिकारी ऐसे होते हैं जो की परिवार या पास पड़ोस के बीच एक दूसरे के भी बात को हल कर कर शांति व्यवस्था कायम करने का बेहतर प्रयास करते हैं। वहीं कुछ अधिकारी परिवारों के बीच हुए मनमुटाव और झगड़े को भी खत्म कराकर उन्हें एक दूसरे के साथ रहने को राजी कर देते हैं।

चंदौली जिले में तैनात उपनिरीक्षक प्रियंका सिंह इसी की एक मिसाल हैं। जिन्होंने जनपद में रहते हुए लगभग कई ऐसे अच्छे कार्य की हैं। जिसकी चर्चा क्षेत्र ही नहीं बल्कि पूरे जनपद में होती रहती है। उन्होंने अलीपुर महिला थाना की प्रभारी रहते हुए 1 साल से अपने अधिक के अच्छे कार्यकाल के दौरान 500 से अधिक परिवारों के बीच टूटे हुए रिश्ते को जोड़ने के साथ ही उन्हें एक साथ रहने को राजी कर दिया। जिससे अब अलग रह रहे 500 परिवार एक साथ जुड़ गए हैं। और उसे परिवार के लोग महिला थाना प्रभारी को एक गार्जियन के रूप में समझते हैं। हालांकि देर रात एसपी आदित्य लांग्हे ने उन्हें महिला थाना प्रभारी से उठाकर दो प्रदेश यूपी और बिहार की सीमा को जोड़ने वाले कस्बा इलिया का थाना प्रभारी बना दिया है।जिसके बाद उन्हें कई चुनौतियों �का सामना तो करना ही पड़ेगा, लेकिन इसके साथ ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को महिला थाना प्रभारी से उम्मीदें जग गई है कि वह जब टूटते हुए परिवारों को जोड़ सकती हैं तो ग्रामीणों के लिए भी कुछ अच्छा ही करेंगी जो कि भविष्य के लिए एक यादगार के रूप में रहेगा।