एनजीटी ने वाराणसी के डीएम से पूछा- क्या आप गंगा का पानी पी सकते हैं?नदी किनारे अतिक्रमण पर तल्ख टिप्पणी 

संवाददाता कार्तिकेय पाण्डेय

वाराणसी:नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने सोमवार को असि और वरुणा नदी की दुर्दशा पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई की। दो याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए एनजीटी की दो सदस्यीय पीठ ने वाराणसी के जिलाधिकारी से पूछा कि क्या आप गंगा का पानी पी सकते हैं? आप अपने आपको असहाय मत महसूस करिए। जिलाधिकारी हैं आप, अपनी शक्तियों का उपयोग करिए और एनजीटी के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करिए। नदी किनारे बोर्ड लगवा दीजिए कि गंगा जल नहाने और पीने योग्य नहीं है।

असि और वरुणा नदी मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अरुण कुमार त्यागी व विशेषज्ञ सदस्य डॉ. ए. सेंथिल ने तल्ख टिप्पणी की। कहा कि क्यों नहीं बोर्ड लगा देते हैं कि गंगा का पानी नहाने व पीने योग्य नहीं है? आप लोग अपनी सुविधा के मुताबिक काम करते हैं।

*एनजीटी ने सरकार के अधिवक्ता से कही ये बात*
एनजीटी ने सरकार के अधिवक्ता को कहा कि आप ऐसे लोगों का बचाव कर रहे हैं, जिनका बचाव ही नहीं किया जा सकता है। चेयरपर्सन न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव पीठ के लिए उपलब्ध नहीं थे, इसलिए विस्तार से सुनवाई नहीं हो सकी। एनजीटी के असि व वरुणा नदी के जीर्णोद्धार के लिए 21 नवंबर 2021 को पारित आदेश के अनुपालन के लिए अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने भी अनुपालन याचिका दाखिल की है।

याचिकाकर्ता सौरभ तिवारी ने बताया कि एनजीटी ने मामले को महत्वपूर्ण करार देते हुए सुनवाई के लिए अगली तिथि 13 दिसंबर को तय की है। सुनवाई के दौरान जब याचिकाकर्ता ने हस्तक्षेप करना चाहा तो एनजीटी ने कहा कि आज पुरानी पीठ नहीं है। लिहाजा अगली बार सुनेंगे।