पोखरी और नाले की जमीन पर अवैध कब्जा कर आवास योजना के तहत बनवाया घर,मुकदमा के बाद भी..

शाहगंज जौनपुर

स्थानीय थाना के सबरहद गांव निवासी पत्रकार और भाजपा नेता आशुतोष श्रीवास्तव की हत्या के बाद से ही लगातार राजस्व विभाग की टीम गांव में अवैध कब्जों के खिलाफ कार्यवाही कर अपनी पीठ थपथपा रही है,अब तक गांव में 2 जमीनों को कब्जा मुक्त कराया जा चुका है,जबकि गांव में आज भी भू माफिया सरकारी तालाब,नाला,और कब्रिस्तान की जमीनों पर काबिज हैं,और शिकायत के बावजूद इन जमीनों की सुध लेने वाला कोई नहीं है,आरोप है कि पूर्व में जब कभी इन जमीनों को लेकर शिकायत दर्ज कराई गई,तत्कालीन लेखापाल विकास सिंह कुशवाहा ने रिपोर्ट लगाई पैमाईश भी हुई लेकिन अभी तक इस मामले में राजस्व कर्मियों द्वारा किसी तरह की कोई कार्यवाही नहीं की गई।

खुद पत्रकार आशुतोष श्रीवास्तव ने गांव में दर्जनों जगहों पर अवैध कब्जे की शिकायत दर्ज कराई लेकिन प्रशासन उस समय पूरी तरह मैं रहा जबकि हत्या के बाद प्रशासन गहरी नींद से जागा तो ताबड़तोड़ कार्यवाही करने लगा,जिस से लोगों में उम्मीद जगी कि अब शायद भू माफियाओं से गांव के लोगों निजात मिले,मामला गांव के ही गाटा संख्या 521,522 और 523 का है जो सरकारी अभिलेखों में हौज नाला,पोखरी,कब्रिस्तान और भीठा के नाम से दर्ज है लेकिन इस जमीन पर आज अवैध तरीके से प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर भी बने हुए हैं,जबकि कब्जाधारियों की तरफ से न्यायालय में मामला विचाराधीन होने के बावजूद लगातार इन जमीनों पर पक्का निर्माण कराया जा रहा है।

पूर्व में इन जमीनों को कब्जा मुक्त कराने के लिए पैमाईश तो हुई लेकिन कोई कार्यवाही न हो सकी,फिलहाल मामला तहसीलदार की अदालत में एक बार फिर से विचाराधीन है,और गांव सभा इस मुकदमे की पैरवी कर रही है,ऐसे में अब सवाल यह उठता है कि माननीय उच्च न्यायालय के सख्त निर्देश के बावजूद अब तक सरकारी भूमि पर काबिज इन भू माफियाओं के खिलाफ कोई ठोस कार्यवाही क्यों नहीं की गई,पोखरी की जमीन हथिया कर सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचाने वाले के खिलाफ आज तक कोई FIR क्यों नहीं दर्ज हुई।