पीलीभीत में स्वास्थ्य विभाग की मेहरबानी के चलते झोलाछाप बन गए एमबीबीएस डॉक्टर, झोलाछाप डॉक्टर ज्ञानेंद्र कुमार की दवा खाने से पंसोली की महिला ग्राम प्रधान संध्या मौर्य की हालत बिगड़ी।

पीलीभीत में स्वास्थ्य विभाग की मेहरबानी के चलते झोलाछाप बन गए एमबीबीएस डॉक्टर, झोलाछाप डॉक्टर ज्ञानेंद्र कुमार की दवा खाने से पंसोली की महिला ग्राम प्रधान संध्या मौर्य की हालत बिगड़ी।

राजेश गुप्ता संवाददाता पीलीभीत।


झोलाछाप डॉक्टर की दवा से पीलीभीत जनपद के विकासखंड अमरिया क्षेत्र के ग्राम पंसोली की महिला ग्राम प्रधान संध्या मौर्य की हालत बिगड़ गई। महिला ग्राम प्रधान संध्या मौर्य के पति सत्यपाल मौर्य के द्वारा मीडिया संवाददाता को जानकारी देते हुए बताया गया है पीलीभीत जनपद के थाना जहानाबाद क्षेत्र के गांव सुस्वार के रहने वाले डॉक्टर ज्ञानेंद्र कुमार ने गांव पंसोली में दुकान खोल रखी है जहां पर वह अपनी पत्नी महिला ग्राम प्रधान संध्या मौर्य को बुखार और शरीर में दर्द होने की दवा लेने गए थे।डॉ ज्ञानेंद्र कुमार के द्वारा महिला ग्राम प्रधान संध्या मौर्य को दबा दी गई।सत्यपाल मौर्य ने बताया है दवा खाने पर मेरी पत्नी संध्या मौर्य की हालत बिगड़ गई है। डॉक्टर से जब इसकी बात की गई तो उसने कहा जो करना है कर लो पूरी घटना की जानकारी प्रधान पति सत्यपाल मौर्य ने पीलीभीत मुख्य चिकित्सा अधिकारी आलोक शर्मा को दी है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने प्रधानपति को लिखित रूप से शिकायत करने की बात कही है।तमाम आदेशों के बावजूद तथा स्वास्थ्य विभाग की मेहरबानी और उनके रहमों करम के चलते जनपद में अवैध रूप से बिना रजिस्ट्रेशन के खुले क्लीनिक, हॉस्पिटल तमाम भोले भाले गरीब तबके के मरीज अपनी जान से हाथ धो रहे हैं। जिसकी समय-समय पर खबर भी प्रकाशित होती है मगर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के द्वारा कोई भी सख्त कार्रवाई न होने की वजह से लगातार इन झोलाछाप क्लीनिक और अवैध रूप से हॉस्पिटलों की संख्या कुकुरमुत्तों की तरह जनपद में बढ़ रही है।