हरदोई में निकाला जा रहा तख्त का जुलूस, मोहर्रम की सातवीं तारीख को निकाला जाता है, हज़रत हुसैन और उनके 72 साथियों को याद किया जाता है

हरदोई। बावन कस्बे में मोहर्रम की सातवीं तारीख का जुलूस निकाला जा रहा है। यह जुलूस 24 घंटे के लिए कस्बे के विभिन्न मोहल्लों से निकाला जाता है। हजरत इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों की याद में मोहर्रम को मनाया जाता है। हर साल ताजिए उठाकर शहीदाने -कर्बला को याद किया जाता है। आज तख्त का जुलूस हज़रत कासिम हसन की याद में निकाला जा रहा है। जिसमें बड़ी संख्या में हजरत हुसैन को मानने वाले शामिल है।

हरदोई में मोहर्रम की 7वीं तारीख का जुलूस निकाला जा रहा है। मोहर्रम को हजरत इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों की याद में मनाया जाता है। आज का जुलूस हज़रत इमाम हुसैन के भतीजे कासिम हसन की याद में निकाला जाता है। यह जुलूस पहले की तरह बावन कस्बे में बड़े धूमधाम से निकाला जा रहा है। तख्त का जुलूस 24 घंटे में बावन के विभिन्न मोहल्ले से होकर गुजरता है। खास बात यह है कि बावन कस्बे में सुन्नी समुदाय के लोग मोहर्रम का जुलूस निकालते है, जबकि पिहानी कस्बे में शिया समुदाय के लोग मोहर्रमदारी करते है और तख्त का जुलूस निकालते है। पाली और बिलग्राम समेत विभिन्न स्थानों पर भी मोहर्रम का जुलूस निकाला जाता है। हजरत इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों की याद में ताजियेदारी को मनाया जाता है। हज़रत इमाम हुसैन और उनके साथियों ने यजीद के जुल्म के आगे सिर नहीं झुकाया और हक के रास्ते के लिए अपने सिर को कटा दिया। जिससे इस्लाम को फिर से बुलंदी हासिल हुई। इसी को ध्यान में रखते हुए शिया और सुन्नी समुदाय के लोग अपने-अपने हिसाब से मोहर्रम के महीने को याद करते है। बावन कस्बे में यह जुलूस दो बैंड के साथ धूमधाम से निकाला जा रहा हैं। जिसमें सुरक्षा व्यवस्था के लिहाज़ से बावन चौकी प्रभारी व्यास यादव समेत भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात हैं।