योगी के अधिकारी शिकायतों के निस्तारण में अपना रहे खाओ कमाओ नीति का फंडा, नजीर है पीड़िता के आत्मदाह का प्रयास

पीडीडीयू नगर- राजस्व मामलों के निस्तारण को लेकर राजस्व व पुलिस विभाग के स्थानीय अधिकारी कितने सचेत हैं। इसकी पोल शनिवार को भरछा तलपरा गांव निवासी मधु बिंद के आत्मदाह के प्रयास के बाद खुल गई। यह तो नजीर मात्र है। कई और ऐसी ही शिकायतें हैं, जिनके निस्तारण में अधिकारियों के खाओ-कमाओ नीति का फंडा हावी है। पीड़िता का यह भी आरोप रहा कि तहसीलदार से उसने दो बार शिकायत की थी। लेकिन, उसके शिकायती पत्र को दोनों बार ही तहसीलदार ने उसके सामने ही डस्टबीन में डाल दिए थे। इसके बाद वह उप जिलाधिकारी से भी मिली थी और प्रार्थना पत्र देकर गुहार लगाई थी। लेकिन, उसकी शिकायत का निस्तारण नहीं हो सका था।

इसके बाद उसने यह कदम उठाने का प्रयास किया। बताया कि नायव तहसीलदार और पूर्व लेखपाल वीरेन्द्र यादव ने दूसरे पक्ष से पैसे लेकर चारदीवारी करवा दी है और रास्ता बनवा दिया है। इतना ही नहीं विपक्षी ने भूमि पर भी अतिक्रमण कर लिया। वर्तमान लेखपाल मानवेन्द्र भी दूसरे पक्ष से मिल गए। तहसील प्रशासन से छह बार शिकायत की थी। लेकिन, एक बार भी अतिक्रमण हटवाने मौके स पर अधिकारी नहीं पहुंचे थे। शनिवार जान को पीड़िता को जानकारी हुई थी कि वर्ष जिलाधिकारी तहसील में आयोजित सिं समाधान दिवस में मौजूद हैं तो वह अपनी फरियाद लेकर पहुंची थी। यह प्रकरण तो नजीर मात्र है।

ग्रामीणों के अनुसार तहसील में निजी भूमि की कई शिकायतें हैं। जिनके निस्तारण में लापरवाही बरती जा रही है।