राजनीति का शिकार बनी शिक्षा नगरी - राजकीय महाविद्यालय बिना शिक्षा नगरी अधूरी

राजस्थान में आज शिक्षा नगरी के नाम से कुचामन का नाम जाना जाता है जो नागौर जिले में स्थित है । वर्तमान में कुचामन में 60हज़ार से ज्यादा विद्यार्थी अध्ययन के अलग अलग क्षेत्रो से आते है और कुचामन में प्रत्येक वर्ष 3हज़ार विद्यार्थी 12वीं कक्षा पास करने के बाद अध्ययन के लिए निजी महाविद्यालय में ऊंची फीस से प्रवेश लेने अलावा कोई दूसरा उपाय नही है अगर उन्हें कुचामन में ही अध्ययन करना है । पूर्व की सरकार को भी कई बार इस तरफ ध्यान दिलाया लेकिन कुछ नही मिला लेकिन वर्तमान सरकार ने नावां में अभी हाल ही में विधायक की अनुशंसा पर राजकीय महाविद्यालय खुलवाया जबकि कुचामन में इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है । कुचामन हर तरफ से राजनीति का शिकार हो रहा है । जिले की ओर कॉलेज की बात करें तो डीडवाना बाज़ी मार रहा है ओर इधर तहसील के हिसाब से नावां बाजी मार रहा है जबकि वर्तमान में कुचामन को भी तहसील का दर्जा प्राप्त है और वर्तमान समय की मांग भी है कि कुचामन में एक राजकीय महाविद्यालय होना चाहिए जिससे गरीब और निर्धन बच्चे अपना उच्च अध्ययन कुचामन रहकर जारी रख सके लेकिन किसी भी सरकार का कुचामन की तरफ ध्यान नही होने से कुचामन में राजकीय महाविद्यालय का सपना अधूरा है ।