अल्पसंख्यकों को (मुस्लिमों) शिक्षा से दूर करना सविधान के खिलाफ: सलमान मिया* | 

बरेली। देशभर में लगातार मुस्लिमों पर अत्याचार हो रहा है कहीं मॉब लिंचिंग, कही पर झूठे मुक़दमें लगाए जा रहे हैं, तो कही पर मदरसों को निशाना बनाया जा रहा है | इस पर विश्व विख्यात सुफिजम का केंद्र (बरेली मरकज़) में लगातार मदरसा संचालक संपर्क कर रहे हैं और लोगो में बेचैनी का माहौल है | इसपर *जमात रज़ा ए मुस्तफ़ा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सलमान हसन खान (सलमान मिया)* ने एक अहम् मीटिंग ली जिसमे उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने स्थायी मदरसों की जांच के लिए कमेटी गठित की है, जोकि मनमानी कर रही है | इनसब मामलों को लेकर देशभर से लोग मरकज़ से लगातार संपर्क कर रहे हैं |

*सलमान मिया* ने बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग ने मदरसों को नोटिस भेजना मनमानी तरीके से मदरसों संचालकों पर दबाव बनाना, जिससे मदरसा संचालक परेशान हों और शिक्षा को प्रभावित किया जाये और मुस्लिमों को मुख्यधारा से अलग किया जाये |

*सलमान मियाँ* बताया कि सविधान के आर्टिकल 29 में यह प्रावधान है कि भारत के किसी भी हिस्से में रहने वाले नागरिकों के किसी भी वर्ग की अपनी अलग भाषा, लिपि या संस्कृति है, उसे इसे संरक्षित करने का अधिकार होगा। यह धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ-साथ भाषाई अल्पसंख्यकों दोनों को सुरक्षा प्रदान करता है। आर्टिकल 30 में सभी अल्पसंख्यकों को अपनी पसंद के शैक्षणिक संस्थान (मदरसों) स्थापित करने और संचालित करने का अधिकार होगा। लकिन हाल में यह देखा जा रहा है कि विशेष्कर अल्पसंख्यकों (मुस्लिम) के अधिकारों का हनन हो रहा है और उन्हें अपने अधिकारों से वंचित किया जा रहा है, जोकि भारत के सविधान के बिलकुल विपरीत है | ऐसी हरकतों से मुस्लिमों को भड़काने का माहौल पैदा किया जा रहा है मीटिंग में मौलाना निज़ामुद्दीन, मौलाना ज़ाहिद हुसैन, मोईन खान , मौलाना अशफ़ाक़ उर रहमान, मौलाना शम्स, मौलाना शर्फ़उद्दीन, मौलाना इंतेज़ार, मौलाना उबैदउल्लाह, मौलाना अकरम, मौलाना अनवर अली, मौलाना मुहम्मद फ़ारूक़ मिस्बाही, मौलाना मुहम्मद अकबर अली, मौलाना मुहम्मद ज़ाहिद रज़ा, मौलाना गुलाम मुस्तफ़ा, शहादत रज़वीआदि लोग मौजूद रहे |