रामनगर ब्लाक अन्तर्गत सुहेल गांव में भ्रष्टाचार का लगा अम्बार कई लाखों का हुआ भ्रष्टाचार प्रधान हुआ मालामाल

रामनगर ब्लाक अन्तर्गत सुहेल गांव में भ्रष्टाचार का लगा अम्बार कई लाखों का हुआ भ्रष्टाचार प्रधान हुआ मालामाल*

(चित्रकूट/रामनगर )
ग्राम प्रधान अरविंद कुमार यादव व सचिव परिवर्तन प्रताप ने मिलकर सरकारी धनों का किया गया बंदरबांट,कई लाखों का हुआ भ्रष्टाचार, ग्रामीणों ने शपथ पत्र देकर डीएम अभिषेक आनंद व मुख्य विकास अधिकारी अमृत पाल कौर को निष्पक्ष जांच कराएं जानें की मांग की,लेकिन चित्रकूट के ज़िम्मेदार अधिकारी TAC जांच के नाम पर की गया खाना पूर्ति,वही ग्राम प्रधान ने इंटरलॉकिंग खंडजा और हैंडपंप मरम्मत, मनरेगा कार्य में कई लाखों का किया गया भ्रष्टाचार,स्ट्रीट लाइट और सोलर लाइट के नाम पर 29 लाख रुपए निकालकर किया गया सरकारी धनों का बंदरबांट,भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए अधिकांश सदस्य बनाए, जिसमे पत्नी, मां, भाई चचेरा ,भाई अन्य,भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए अपने अविवाहित सगे भाई को पंचायत सहायक बनाकर के 30 हज़ार मानदेय के रुप में ग्राम पंचायत के खाते से ब्रजेश कुमार यादव के खाते मे जा चुका है।।वही ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान की अचल और चल संपत्ति की जांच कराएं जाने की मांग।।वही सुहेल गांव में बने अस्थाई गौशाला के अन्ना गौवंशो को ग्राम प्रधान ने यमुना नदी के बीच जलधारा से तैराने का विडियो सोशल मीडिया में हुआ था जमकर वायरल ,जिसमे ग्राम प्रधान अरविंद कुमार ने विडियो को अनदेखा बताया और डीएम को एप्लिकेशन लिखकर यह कह दिया की मुझे रंजिश वस बेवजह फसाया जा रहा है जबकि स्वयं ग्राम प्रधान यमुना किनारे खड़े दिखे, और ग्रामीणों को फोन कर बुलाने का ऑडियो रिकॉर्डिंग भी मौजूद हैअगर निष्पक्ष जांच नही कराई गई तो सैकड़ों ग्रामीण पहुंचेंगे जिलाधिकारी कार्यालय, पहुंचकर करेंगे धरना प्रदर्शन , सुहेल गांव की परकथा भी लम्बी होगी।।भ्रष्टाचार की काली कमाई को भ्रष्टाचारियो द्वारा पहले सफेद किया जाता है फिर उसको उपयोग किया जाता है परन्तु ग्राम प्रधान सुहेल अरविन्द कुमार यादव व सचिव परिवर्तन प्रताप काले रंग में ही प्रयोग कर लिए,वहीं प्रधान व सचिव ने मिलकर आम विकास का पैसा ग्राम पंचायत के खाते से सीधे प्रधान अरविन्द कुमार यादव के खाता सं० अंतिम के चार अंक XXX3607 में डाल लिया जाता है उन्हें किसी का SC नही लगा,वहीं दिनांक 23/01/2020 को हैंड पम्प सामग्री का 44250/ एवम 12/12/20 को साफ सफाई का 12000व 17/12/ 20 को साफ सफाई का 11658 तथा 25/12/20 को साफ सफाई का 16884 एवं 6/3/23 को फिर इंटर लॉकिंग खडजा मिट्टी पुराई मेन गेट निर्माण मजदूरी कार्य का 16000/ व 6/3/23 को फिर इंटरलॉकिंग खडंजा मजदूरी कार्य 19036/ इस तरह प्रधान के खाते में ग्राम पंचायत के खाते से कुल ट्रांसफर 1,19,808 | एक लाख उन्नीस हजार आठ सौ आठ रुपये सीधे कर दिया जाता है जो " पूर्णतया भ्रष्टाचार है।सुहेल गांव में लोहिया समग्र, मनरेगा समग्र जैसे गांव के लोग आज भी बदहाली जीने को मजबूर है।।उच्च अधिकारियों द्वारा गठित जाँच टीम जो टी. ए० सी० जाँच कहलाती है दिनांक 02/11/23 एवं 7/11/23 को जाच की जाती है जॉच टीम द्वारा ग्राम पंचायत सुहेल के भ्रष्टचारियों को क्लीन चिट दे दी जाती है कि कोई भी किसी प्रकार का भ्रष्टाचार नहीं है।क्लीन चिट क्यो न दे दी जाय? जांच दिनांक 02/11/23 एवं 7/1/23 के मध्य आनन फानन में 5/11/23 एवं 6/1/23 को ग्राम पंचायत के खाते में 349900/- भुगतान करा लिया जाता है यदि सही भुगतान था तो TAC (जाँच के बाद भी या पहले भी भुगतान किया जा सकता था 349900 का विवरण 5200/ कम्यूटर का भुगतान 140000/व इंटर लॉकिंग खडंजा के नाम पर 9000/ तथा हैंडपप मजदूरी के नाम पर 100000/- टाइल्स के नाम पर 25700/ जन चौपाल में लगे टेंट के नाम पर ,एवं 70.000/- हैण्ड पम्प मरम्मत सामग्री के नाम पर निकाल लिया गया जो कि यह भी (धनराशि जाँच के घेरे में आती है)जि़म्मेदार अधिकारी सिर्फ , टी.ए.सी. जांच के नाम पर सिर्फ खाना पूर्ति , जनपद चित्रकूट के उच्च अधिकारियो के लिए एक कहावत है, अंधेर नगरी अनबुझ राजा टका सेर भाजी टका सेर खांजा ये हाल है जनपद चित्रकूट के उच्च अधिकारीयों का, तो कैसे होगा जनपद के गांवों का विकास