तुलसी जन्म जयंती महोत्सव पर निकाली गई भव्य दिव्य और विशाल पवित्र कलश यात्रा* 

चित्रकूट जनपद के तुलसी जन्म भूमि राजापुर धाम के तुलसी जन्म कुटीर तुलसी घाट पर विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी 258 वी तुलसी जन्म जयंती महोत्सव कार्यक्रम का भव्य दिव्य और विशाल कलश यात्रा के साथ किया गया शुभारंभ दासानुदास परम पूज्य प्रातः स्मरणीय गुरुदेव भगवान रामदास महाराज जी ( ओम नमः शिवाय गौशाला वंशीवट वृंदावन धाम ) के असीम अनुकंपा से उनके सानिध्य में तुलसी जन्म जयंती महोत्सव कार्यक्रम का मां कालिंद्री के पवित्र तट पर तुलसी जन्म कुटीर के विशाल प्रांगण पर सुंदर झांकियां राम दरबार, राधा कृष्ण, शिव परिवार , श्री संकट मोचन हनुमान जी और विश्व विख्यात विश्व कवि संत शिरोमणि पूज्य गोस्वामी तुलसी दास बाबा की बहुत ही मनोहर झांकियां के साथ भव्य दिव्य और पवित्र कलश यात्रा निकाली गई सुंदर मनोहर जीवांत झांकियां का नगर के विद्वान पंडितों के द्वारा बहुत ही विधि विधान के साथ मंत्रोंउच्चारण कर धूप दीप पुष्प मालाओं के साथ पूजा अर्चना किया गया।पूजा अर्चना के उपरांत हजारों की संख्या में माताएं बहने नर नारी बुजुर्ग मां कालिंद्री नदी का पवित्र जल कलश में भरकर अपने सिर में रखकर राम धुन के साथ तुलसी भक्ति प्रेम में भाव विभोर होकर राम नाम के जयकारे लगाते हुए पवित्र कलश यात्रा का शुभारंभ हुआ बालक बालिकाएं अपने हाथों में झंडा लिए हुए प्रभु नाम की संकीर्तन करते हुए जयकारे लगाते हुए यात्रा में आगे बढ़ रहे थे पवित्र कलश यात्रा में सुंदर जीवांत झाकियां डीजे हाथी और हजारों हजार तुलसी भक्तों का जन सैलाब तुलसी जन्म कुटीर तुलसी घाट से होते हुए सब्जी मंडी के बड़े शिव मंदिर पहुंचे।शिव मंदिर पर दासाअनुदास पूज्य रामदास महाराज जी व नगर के विद्वान पंडितों भक्तों मंदिर के पुजारीयो के द्वारा पूजा अर्चना कर आगे बड़े ।पूजा अर्चना के उपरांत हजारों हजार का यह तुलसी स्नेही जन सैलाब सर्राफा बाजार पहुंचा।डीजे की धुन में नाचते गाते प्रभु के जयकारे लगाते हुए सर्राफा बाजार से होते हुए अति प्राचीन श्री राधा कृष्ण गुर्रा मंदिर पहुचे।जहा पर विद्यमान अति प्राचीन मूर्तियां श्री राधा कृष्ण की दिव्य स्वरूप की पूजा अर्चना की गई।पूजा अर्चना करने के उपरांत तुलसी बाबा के भक्तो का यह हजारों हजार नर नारियों का जन सैलाब देवी तिराहा जा पहुंचा।इस भीषण चिलचिलाती गर्मी में तुलसी बाबा के भक्तो का यह स्नेह प्रेम और समर्पण बहुत ही ऐतिहासिक उत्सव के रूप में अविश्वसनीय पल रहा।

*कुछ समय के लिए तुलसी जन्म भूमि राजापुर धाम हुआ तुलसीमय*

पवित्र कलश यात्रा का यह मनोरम दृश्य देखने के बाद ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे समस्त नगरी व क्षेत्र के नर नारी माताएं बहने सभी लोग तुलसी प्रेम में तुलसी भाव में तुलसीमय हो गए हो।

यह पवित्र कलश यात्रा सब्जी मंडी होते हुए श्री संकट मोचन हनुमान मंदिर पहुंची जहां पर पूज्य गुरुदेव भगवान रामदास महाराज जी के द्वारा पूजा अर्चना किया गया आपको यह बताना चाहेंगे कि संकट मोचन हनुमान जी के दिव्य मूर्ति का निर्माण तुलसी दास महाराज जी ने अपने हाथो से चंदन के लेप से किया था।

श्री संकटमोचन हनुमान मंदिर से यह पवित्र कलश यात्रा तुलसी जन्म कुटीर तुलसी घाट पहुंची जहा पर सभी भक्तो को बैठाकर भंडारे में बने पवित्र भोजन प्रसाद ग्रहण कराया गया।

तुलसी जन्म कुटीर तुलसी घाट पर पुनः गुरुदेव भगवान रामदास जी व मंदिर के पुजारीयों के द्वारा पूजा अर्चना कर इस विशाल ऐतिहासिक पवित्र कलश यात्रा को विराम दिया गया।

इस पवित्र कलश यात्रा में हजारों की संख्या में माताएं बहने बुजुर्ग तुलसी भक्त दर्शनार्थी राजापुर के वरिष्ठ नागरिक व्यापारी तुलसी मंदिर के समस्त पुजारी गण मौजूद रहे।