समयावधि गुजर जाने के बाद भी नहीं शुरू हुआ मार्ग निर्माण कार्य,कहीं कागजों पर ही कार्य पूर्ण दिखाकर धनराशि हजम करले जाने का मामला तो नहीं?

सीतापुर/जनपद के मिश्रित तहसील क्षेत्र अंतर्गत प्रधानमंत्री सड़क निर्माण योजना में स्वीकृत हुआ मार्ग समयावधि गुजर जाने के बाद भी अभी तक कार्य प्रारंभ होने की बाट जोह रहा है ,जिम्मेदार भी इस ओर से पूरी तरह उदासीन बने हुए हैं इस मार्ग निर्माण के बाबत लगाए गए प्राक्कलन बोर्ड खुलेआम ग्रामीण जनता को मुंह चढ़ा रहे हैं जर्जरित मार्ग पर आवागमन बाधित हो रहा है लोग दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं फिर भी जिम्मेदार अंजान बने हुए हैं मामला अंधेर नगरी चौपट राजा वाली कहावत को खुलेआम चरितार्थ कर रहा है, क्या सूबे के मुखिया जांच कराकर संबंधित दोषियों के विरुद्ध करेंगे दंडात्मक कार्यवाही करेंगे लोगों में एक अनुत्तरित यक्ष प्रश्न बना हुआ है? बताते चलें मिश्रित कस्बे के परसौली चुंगी चौराहा से बिनौरा तक का 5.050 किलोमीटर लंबा सड़क मार्ग प्रधानमंत्री सड़क योजना के अंतर्गत 351.73लाख रुपए में स्वीकृत हुआ था जिसके कार्य प्रारंभ की तिथि 27 अप्रैल 2022 थी और 1 वर्ष में 26 अप्रैल 2023 तक इसका निर्माण हो जाना चाहिए था कार्य ठेका विश्व समुद्र इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड विजयवाड़ा आंध्र प्रदेश को दिया गया था जबकि कार्य कराने से संबंधित संस्था पी एम जी एस वाई , पीआईयू , ग्रा. आ.वि. सीतापुर को निर्धारित समयावधि में कार्य पूरा कराना था परसौली चौराहा मार्ग पर लगा प्रांकलन बोर्ड तो खुलेआम इस बात की गवाही दे रहा है लेकिन समयावधि गुजर जाने के बाद भी रोड निर्माण की शुरुआत अभी तक नहीं हुई है मजेदार बात तो यह है कि लगभग छः माह पहले ठेकेदार द्वारा पूर्व निर्मित जर्जरित रोड के किनारे पटरियों पर जेसीबी से मिट्टी पटान और समतलीकरण कराया गया था लेकिन विडंबनाओं के चलते अभी तक रोड निर्माण कार्य शुरु ही नहीं हुआ है ग्रामीणों में चर्चा तो इस बात की भी है कि ठेका प्राप्त करने वाली संस्था के जिम्मेदार कहीं कागज पर मार्ग पूर्ण दिखाकर धनराशि हजम तो नहीं कर ले गए अगर ऐसा नहीं तो समयावधि गुजर जाने के बाद भी क्यों नहीं शुरू हुआ मार्ग निर्माण कार्य ? यह भी बता दे कि इस मार्ग पर पड़ने वाले गांव परसौली, किशुनपुर, सीपतपुर ,सदियापुर,भुड़पुरवा, चांदपुर ,बिनौरा, लेखनापुर, किरतापुर आदि गांवों के हजारों ग्रामीण रोजाना आवागमन में कठिनाइयों को झेलकर दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं बीबीपुर चौराहे को जोड़ने वाला यह मार्ग अपनी दयनीय दशा पर आज भी आंसू बहाने को मजबूर है जिससे अंधेर नगरी चौपट राजा वाली कहावत पूरी तरह चरितार्थ हो रही है।