ग्राम पंचायत और वन विभाग की संयुक्त कई एकड़ सरकारी जमीन पर अवैध रूप से संचालित हो रहा सोलर पावर प्लान्ट ।

सीतापुर-/मिश्रित कुतुबनगर मार्ग पर स्थित उ०प्र०राज्य भण्डारण निगम एवं नवीन मण्डी स्थल के पीछे मिश्रित ब्लॉक की ग्राम पंचायत तेलियानी क्षेत्र में 10 एम-डब्लू एम्पियर शोलर ऊर्जा पावर प्लान्ट मिश्रिख एल पी प्रथम,वन विभाग और ग्राम पंचायत की सम्मिलित भूमि पर बीते 4 वर्षों से अवैधानिक तरीके से संचालित हो रहा हैं । आखिरकार यह जमीन इस सौर ऊर्जा प्लान्ट संचालक को उपयोग हेतु किसने दी है-?जब कि सरकार ने सरकारी जमीनों से अवैध कब्जा हटाने के प्रशासन को स्पष्ट निर्देश दे रखे हैं, फिर भी सब कुछ गोलमाल के सहारे जिम्मेदारों द्वारा संचालित कराया जा रहा है।मामला संज्ञान में आने पर वन विभाग के विश्वसनीय सूत्रों से जब जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि वर्ष 2017 में उक्त भूमि पर 18 हेक्टेयर प्लान्टेशन वन विभाग द्वारा कराया गया था,इतना ही नहीं वर्ष 2021 में भी 5 हेक्टेयर भूमि पर पौधारोपण कार्य हुआ था, इस भूमि पर खड़े बृक्षों को प्लान्ट संचालक ने बगैर किसी अनुमति के काटकर लकड़ी गायब कर दी है।सूत्र बताते हैं कि उक्त प्लान्टेशन वर्षा कल 2017 के दौरान नैमिषारण्य सेक्सन के अंतर्गत हुआ था, जिसमें भारी भरकम धनराशि से सरकार और विभाग के हजारों वृक्ष लगवाये गये थे। मांमले में पूछने पर ग्राम पंचायत के प्रधान का कहना है कि कुछ भूमि वन विभाग की है और कुछ ग्राम पंचायत की है, लेकिन यह भूमि उक्त प्लान्ट संचालक को कैसे प्राप्त हुई है और किसने दी है इस बात की उनको कोई जानकारी नहीं है प्रधान का कहना है कि क्षेत्रीय लेखपाल ने एक बार मौके पर आकर पैमाइश भी की थी लेकिन फिर क्या हुआ इस बात का उन्हें कोई पता नहीं है। प्रश्न उठता है कि आखिरकार इस सरकारी भूमि पर वर्षों से संचालित हो रहे उक्त सोलर प्लान्ट से होने वाली कमांई को कौन खा रहा है- वन विभाग के जिम्मेदार,ग्राम पंचायत का प्रधान या फिर प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी। गौरतलब है कि सरकारी भूमि पर अवैध रूप से संचालित इस प्लान्ट की जमीन से अवैध कब्जा हटाने की कार्यवाही तहसील प्रशासन द्वारा क्यों नहीं की जा रही है एक बड़ा प्रश्न बना हुआ है।मामला जिला प्रशासन के लिये जहां उच्च स्तरीय जांच और कार्यवाही का विषय उत्पन्न कर रहा है,वहीं सरकारी जमीनों से अवैध कब्जा हटाने सम्बन्धी दिया गया शासन का निर्देश भी हवा हवाई साबित हो रहा हैं।आखिरकार अवैधता और गोल माल के इस मामले का जिम्मेदार कौन-?