चकिया की चेयरमैनीः बागियों का बगावत के बाद चुनाव लड़ने से इनकार

- समर्थकों के चेहरे पर साफ देखी जा रही कहीं खुषी तो कहीं गम

- सपा से बगावत कर झाड़ू थामने वाले अजय गुप्ता ने की घर वापसी

- सपा से टिकट कटने के बाद निर्दल उतरे रमेश गुप्ता भाजपा में हुए शामिल

- चकिया नगर पंचायत चुनाव में तीन प्रत्याशियों से नामांकन लिया वापस

संवाददाता कार्तिकेय पांडेय

चकिया- नगर पंचायत चुनाव के पहले चरण के नामांकन के अंतिम दिन टिकट कटने के बाद चकिया नगर पंचायत में सपा से टिकट के लिए दावेदारी करने वाले रमेश गुप्ता व अजय गुप्ता ने नामांकन कर नगरवासियों को चौका दिया था। इतना ही नहीं अजय गुप्ता ने आम आदमी पार्टी का दामन थामकर आठ वार्डों में सभासद प्रत्याशी भी खड़े कर लिये थे। जिससे सपा के रणनीतिकारों के साथ ही साथ जिला स्तर के पदाधिकारियों को मुश्किल में डाल दिया था। अजय गुप्ता के आम आदमी के बैनर तले चुनावी अखाड़े में आने से सभी राजनीतिक दलों के बने बनाये समीकरण ध्वस्त हो गये थे। लेकिन गुरूवार को नामांकन वापसी के अंतिम दिन रमेश गुप्ता ने अपना पर्चा वापस लेते हुए अपनी पांच साल पूर्व की पार्टी भाजपा को ज्वाइन कर लिया है तो वहीं दूसरी ओर अजय गुप्ता ने भी दोपहर बाद अचानक नामांकन वापस लेते हुए सपा में ही विश्वास जताया है। जिससे एक बार फिर सियासत गरमा गई है और सभी प्रत्याषियों के समीकरण छिन्न-भिन्न हो गए हैं।

नगर पंचायत चकिया के अध्यक्ष पद का चुनाव दिन पर दिन रोमांचक होता जा रहा है। सत्ताधारी दल भाजपा व मुख्य विपक्षी दल सपा से टिकट के दावेदारों की फेहरिस्त लम्बी थी। जिस कारण पार्टी हाईकमान को टिकट फाइनल करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। जिस कारण पहले चरण के नामांकन के अंतिम दिन भाजपा ने अपना प्रत्याषी पूर्व सभासद गौरव श्रीवास्तव एड0 को तो सपा ने नामांकन के सेम डे भोर में अपना प्रत्याशी पूर्व चेयरमैन मीरा जायसवाल को अपना प्रत्याषी घोषित किया था। टिकट फाइनल होने के बाद सपा से दावदेारी कर रहे रमेश गुप्ता ने भी निर्दल पर्चा भरकर राजनीतिक माहौल को गर्म कर दिया था तो कुछ ही देर बाद अजय गुप्ता ने आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी के तौर पर नामांकन कर राजनीतिक माहौल में उबाल ला दिया था। इतना ही नहीं अजय गुप्ता ने अथक मेहनत करके आम आदमी पार्टी से आठ वार्डों में सभासद पद के लिए भी नामांकन करा दिया था। इसके बाद तीन दिनों तक नगर पंचायत की राजनीतिक में काफी चर्चाओं का बाजार गर्म रहा है और दूसरी ओर मान मनौव्वल का दौर भी चलता चलता रहा। खास बात तो यह है कि सपा के एक बागी रमेश गुप्ता को मान मनौव्वल के दौरान सपा को तो नहीं भाजपा को सफलता मिल गई। भाजपा के कई दिग्गज नेता गुरूवार के सुबह से ही रमेश गुप्ता को मनाने के लिए जाल बिछाने लगे थे, अन्ततः उनको सफलता मिल भी गई, रमेश गुप्ता ने अपना नामांकन वापस लेते हुए भाजपा ज्वाइन कर भाजपा प्रत्याषी गौरव श्रीवास्तव को समर्थन का ऐलान कर दिया। वहीं, दूसरी ओर सपा के दूसरे बागी और आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी अजय गुप्ता को मनाने में सपा नेताओं जिसमें पूर्व विधायक जितेन्द्र कुमार एड0 व मुश्ताक अहमद खान को सफलता मिल गई, जिससे अजय गुप्ता ने भी अपना नामांकन वापस लेते हुए सपा प्रत्याशी पूर्व चेयरमैन मीरा जायसवाल को समर्थन करने की घोशणा कर दी। जिससे दोनों प्रत्याशियों को काफी हद तक राहत मिल गई है। लेकिन, एक बार फिर से जीत को लेकर समीकरण छिन्न-भिन्न हो गए हैं। राजनीतिक गलियारों मंे राजनीतिक समीक्षक अपने-अपने तरीके से मजबूती व कमजोरी को लेकर गुणा-गणित बैठाने में जुट गये हैं। क्योंकि एक तरफ सपा से ही बगावत करके चुनावी अखाड़े में निर्दल प्रत्याशी के तौर पर ताल ठोक रहे सपा नेता रवि प्रकाश चैबे तो दूसरी सर्वाधिक मतों वाले समुदाय से तालुक्क रखने अफसाद खान को लेकर भी चर्चाएं कर रहा है। चुनाव में हार जीत का पता तो मतगणना वाले दिन ही पता चलेगा लेकिन चुनावी विश्लेशकों के लिए जीत हार का अनुमान लगाना भी कठिन हो गया है। जिस कारण से चुनाव को लेकर उबाल इस समय अपने चरम पर पहुंच गया है।