मैसर्स भारत इंटरप्राइजेज की मनमानी के मकड़जाल में उलझे विद्युतकर्मी 

मैसर्स भारत इंटरप्राइजेज कंपनी ने 33/11 केवी विद्युत उपकेंद्र अमृतपुर व अमृतपुर तहसील पर आंदोलन के दौरान कुछ अराजक तत्वों ने अधिकारियों के तथ्यों को छुपा कर अपनी नियुक्ति करवा ली और वर्तमान में कार्य कर रहे निष्ठावान संविदा कर्मियों के ऊपर मनगढ़ंत आरोप लगाकर हटवा दिया। उपरोक्त कारणों से दोनों पक्षों में विवाद हो गया।

विवाद गहराता देख
दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड मंडल जनपद फर्रुखाबाद के अधीक्षण अभियंता अखिलेश सिंह ने मैसर्स भारत इंटरप्राइजेज प्रयागराज कंपनी को एक नोटिस भेजा है जिसमें उन्होंने कंपनी से स्पष्टीकरण मांगा कि जिन कर्मचारियों को कंपनी के द्वारा तैनाती की गई है सभी कर्मचारी गलत गतिविधियों में संलिप्त रहने के कारण विभाग से पहले ही निष्कासित किए जा चुके हैं कंपनी के द्वारा गलत छवि वाले सभी कर्मचारियों को हड़ताल की आड़ में दोबारा नियुक्त किया गया है जो स्वीकार नहीं है कंपनी के द्वारा खराब छवि वाले कर्मियों की नियुक्ति किया गया है। अतः कंपनी को निर्देशित किया जाता है कि जिन संदिग्ध एवं निष्कासित कर्मचारियों को आपके द्वारा तैनात किया है उन्हें तत्काल विभाग से पुनः निष्कासित करें एवं स्पष्ट करें कि किन कारणों से संदिग्ध छवि वाले व्यक्ति को तैनात किया गया।

तथा अवर अभियंता होरीलाल वर्मा ने विवाद रोकने हेतु थाना अमृतपुर में तहरीर दी। जिसमे होरीलाल वर्मा ने कहा है कि वह विद्युत विभाग के 33/11 केवी अमृतपुर प्रथम व अमृतपुर तहसील पर कार्यरत हैं। जबरन कार्य करने वाले निकालें गये कर्मचारियों से मुझे व मेरे समस्त कर्मचारियों को जानमाल का खतरा है। यदि मेरे या मेरे विभाग में कार्यरत अमृतपुर में नियुक्त कर्मचारियों को कोई नुकसान पहुंचता है या उनके कार्यों में बाधा होती है तो इसकी समस्त जिम्मेदारी मोनू कुमार पुत्र भुवनेश्वर सिंह निवासी शुखियापुर राजेपुर और पवन कुमार उर्फ पंकज, जितेंद्र राजपूत,सचिन कुमार,मुकेश कुमार,सुबोध कुमार,दुर्गेश, धर्मेंद्र कुमार,संतोष कुमार, रेशम पाल, इंद्रेश राजपूत,निरंकार,राहुल कुमार, श्री राज की होगी।

जिसके बाद थाना पुलिस ने मोनू कुमार पुत्र भुवनेश्वर सिंह निवासी शुखियापुर राजेपुर और पवन कुमार उर्फ पंकज, जितेंद्र राजपूत,सचिन कुमार,मुकेश कुमार,सुबोध कुमार,दुर्गेश, धर्मेंद्र कुमार,संतोष कुमार, रेशम पाल, इंद्रेश राजपूत,निरंकार,राहुल कुमार, श्री राज नए नियुक्त विवादित कर्मचारियों को समझा बुझाकर वापस भेज दिया।

जानें पूरा मामला

बीते दिनों विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश और प्रदेश सरकार के टकराव के चलते प्रदेश भर में विद्युत व्यवस्था ठप रही। जहां विद्युत कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर अड़े रहे और धरना प्रदर्शन जारी रखा। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा से मिले लिखित आश्वासन के बाद भी जब विद्युत कर्मचारियों की मांगों को अम्ल में नहीं लाया गया तो उसके बाद से प्रदेश सरकार और विद्युत कर्मचारियों का विवाद और गहरा गया। इस बीच प्रदेश में विद्युत व्यवस्था बिल्कुल चरमरा सी गई। उधर ऊर्जा मंत्री और विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बीच कई दौर की वार्ता विफल होने के बाद सरकार ने हाई कोर्ट के आदेशों के क्रम में असंवैधानिक हड़ताल की अगुवाई कर रहे विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति में शामिल 22 नेताओं के विरुद्ध एस्मा (आवश्यक सेवाओं का अनुरक्षण अधिनियम) के तहत मुकदमा दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी के निर्देश दिए थे। छह नेताओं को निलंबित करने के साथ ही उन्हें लखनऊ के बाहर भेजने के आदेश द?िए गए थे व कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया था।
लड़खड़ाई बिजली आपूर्ति व्यवस्था को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के साथ ही विभागीय वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की थी। जिसके फलस्वरूप
ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा से वार्ता के बाद बिजली कर्मचारियों ने हड़ताल वापस ली। जिसके बाद सरकार ने बर्खास्त किए गए सभी कर्मचारियों को पुनः बहाल करने का आदेश दे दिया था।