शाहजहांपुर के भाजपा सांसद अरुण सागर को न्यायालय ने किया फरार घोषित

शाहजहांपुर के भाजपा सांसद अरुण सागर को न्यायालय ने किया फरार घोषित

2019 मे आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का दर्ज हुआ था केस

कोर्ट ने गैर जमानती वारंट किया था जारी

कोर्ट ने सांसद अरुण सागर के खिलाफ एनबीडब्ल्यू वारंट भी किया था जारी

मुकदमे में हाजिर न होने, जमानत न लेने पर कोर्ट का सख्त फैसला


दिनेश मिश्रा वरिष्ठ पत्रकार(गुरु जी )/सतीश चन्द्र


शाहजहाँपुर(उ0प्र0)
शाहजहांपुर के भाजपा सांसद अरुण सागर को कोर्ट ने फरार घोषित कर दिया है।सांसद अरुण सागर पर 2019 मे आचार संहिता उल्लंघन का मुकदमा दर्ज हुआ था।इस मुकदमे में कोर्ट ने पहले गैर जमानती वारंट जारी किया था।लेकिन सांसद अरुण सागर जब कोर्ट में हाजिर नहीं हुये।तो कोर्ट ने उन्हें फरार घोषित कर दिया।2019 में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लग चुकी थी।उसी दौरान होर्डिंग लगाया गया था।लगे होर्डिंग पर अरुण सागर का नाम और फोटो समर्थकों निवेदकों के नाम भी लिखे थे।इसी आधार पर थाना कांट पुलिस की ओर से एक दरोगा ने अरुण सागर व अन्य पर मुकदमा दर्ज कराया था।दर्ज मुकदमा शाहजहांपुर की एसीजेएम कोर्ट में पहुंचा।जहां अलग-अलग वक्त पर सुनवाई हुयी।सुनवाई के दौरान कई सम्मन भेजे गये।लेकिन तब तक भाजपा सांसद अरुण कुमार सागर सांसद बन चुके थे।इसके बाद भेजे गए सम्मन पर उन्होंने कोई ध्यान नहीं दिया।इसके बाद कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी कर दिया। तब कहीं अरुण कुमार सागर को मामले की जानकारी हुई।इसके बाद सांसद अरुण कुमार सागर ने अपना वकील खड़ा किया। इसके बाद मामले की सुनवाई होती रही।सांसद बनने के बाद भी अरुण कुमार कोर्ट में हाजिर नहीं हुए।तभी कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए भाजपा सांसद अरुण कुमार सागर को फरार घोषित कर दिया।दर्ज मुकदमे में अरुण कुमार सागर के विरुद्ध कोर्ट ने पूर्व से ही गैर जमानती वारंट एवं धारा 82 दंड प्रक्रिया संहिता का आदेश जारी किया।न्यायालय के आदेश की एक छाया प्रति सांसद के निवास पर चस्पा करने का आदेश भी कोर्ट ने दिया।कोर्ट ने इसे सार्वजनिक स्थान पर चस्पा करने को कहा है।

सरकार ने मुकदमा वापस लेने के लिए की है सिफारिश

भाजपा सांसद अरुण कुमार सागर पर केवल आचार संहिता उल्लंघन का ही मुकदमा दर्ज है। दर्ज मुकदमे की वापसी के लिए सरकार से सिफारिश की गई है। हालांकि अभी तक मुकदमे की वापसी के लिए कोई अर्जी सरकार की ओर से नहीं दी गई है। इस पर समिति को फैसला लेना है।लेकिन अभी समिति की बैठक नहीं हुई है।