आधी-अधूरी योजना का चुनावी लोकार्पण,तो बोले लोग.....

ब्यूरो रिपोर्ट-- जमाल खांन पत्रकार (परछा)

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मौदहा हमीरपुर। महोबा में आगामी 19 नवंबर को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां विभिन्न विकास कार्यक्रमों का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगे, वहीं सबसे बड़ी सिंचाई की अर्जुन सहायक परियोजना जिससे 15 हजार हेक्टेयर भूमि की सिंचाई कर 1.5 लाख किसानों को लाभान्वित किया जाना है,इसका लोकार्पण भी करेंगे। जबकि यह योजना आज भी पूरी नहीं है और इस योजना को पूरा होने में एक साल से अधिक का समय लग सकता है।
अर्जुन सहायक परियोजना बुंदेलखंड के किसानों के लिए वरदान साबित होगी,वैसे इस योजना का प्रस्ताव 1978 में कांग्रेस की सरकार ने किया था लेकिन इस पर कोई अमल नहीं हो सका। वर्ष 2003 में सपा सरकार में इसका कार्य शुरू हुआ, मुख्य रूप से सपा में मंत्री की हैसियत रखने वाले सिद्धगोपाल साहू निवासी कबरई ने आंकलन समिति के सदस्य होने के नाते इसका संचालन शुरू कराया था। धसान नदी से अर्जुन बांध तक 71 किमी व इसके बाद से महोबा के अर्जुन व कबरई बांध को लिंक करते हुए महोबा, बांदा, हमीरपुर के 168 गांवों तक मुख्य नहर के साथ शाखा नहरें पहुंचाने का काम युद्ध स्तर पर शुरू किया गया था, हालांकि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 11 मार्च 2021 को 17 वर्ष पूर्व पुनः योजना को गति दी और कहा कि जो काम रुका है वो दो माह के अंदर पूरा किये जाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा था कि प्रधानमंत्री द्वारा इसका उद्घाटन दिसंबर माह में करेंगे, लेकिन इससे पूर्व ही 19 नवंबर को इस आधी अधूरी बनी नहर का लोकार्पण किये जाने की योजना है। जबकि अभी भी कबरई बांध सहित वहां से निकली हुई इस नहर में निर्माण कार्य जारी है। यहां के कपसा गांव व उसके आसपास नहर के पुल नहीं बन सके और जमीनी कार्य भी पूरा नहीं हो सका। कस्बा निवासी महेंद्र सिंह यादव ने बताया कि इस नहर का निर्माण कार्य पूरा होने में दो साल लग सकते हैं तब इतनी जल्दी क्या थी जो प्रधानमंत्री इस आधी अधूरी नहर का लोकार्पण कर वाहवाही लूटना चाहते हैं। क्षेत्र के गुसियारी गांव निवासी बड़े कृषक अब्दुल कुद्दूस ने बताया कि यह महत्वपूर्ण योजना है, इससे इस सूखाग्रस्त पानी की किल्लत वाले क्षेत्र में उक्त नहर के निर्माण ने तेजी तो पकड़ी है लेकिन लोकार्पण के लिए इतनी जल्दी क्या थी जो अभी पूर्ण भी नहीं हुई है और पूरी होते होते कम से कम दो साल लग सकते हैं। वहीं इचौली निवासी सौरभ मिश्रा ने बताया कि जितनी धीमी गति से काम हो रहा है और आगें भी यही हाल रहा तो आगें तीन साल तक पानी मिलना कठिन साबित होगा।
इस संबंध में इस क्षेत्र में अर्जुन सहायक नहर का निर्माण कार्य कराने वाले चित्रकूट सिंचाई विभाग की शाखा के अधिकारियों से तमाम प्रयासों के बाद भी संपर्क स्थापित नहीं हो सका।