चुनावी दौरे के समय भी पीड़ित परिजनों से नहीं मिलने पहुंचे क्षेत्रीय सांसद व विधायक 

चुनावी दौरे के समय भी पीड़ित परिजनों से नहीं मिलने पहुंचे क्षेत्रीय सांसद व विधायक�

नौगढ़- क्षेत्र के उदितपुर सुर्रा गांव में मंगलवार को मिट्टी का टीला ढहने से चार लोगों की मौत की घटना के दूसरे दिन बुधवार को भी दोनों गांवों में मातम पसरा रहा। पूरे दिन परिवार के लोग अपनों के लिए रोते-बिलखते रहे। इतना ही नहीं दूसरे दिन गांव में अधिकांश घरों में चूल्हे तक नहीं जले। दोनों घरों में कमाऊ सदस्यों की मौत से परिवार के लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। मृतकों के घरों पर शोक संवेदना व्यक्त करने वालों का तांता लगा रहा। लेकिन वही अगर देख ले तो वर्तमान समय में विधानसभा चुनाव को लेकर क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों एवं नेताओं का चुनावी दौरा चल रहा है लेकिन उसके बाद भी क्षेत्रीय विधायक शारदा प्रसाद और क्षेत्रीय सांसद पकौड़ी लाल कोल ने मौके पर पहुंचकर पीड़ित परिवार को ना ही ढांढस बधाया।और ना ही शोक व्यक्त किया। वहीं दूसरी ओर नवगढ़ के एसडीएम अतुल गुप्ता ने पीड़ित परिजनों को आपदा राहत कोष से दो- दो मुआवजा दिलाने की घोषणा की है। वही घटना के दिन चकिया विधानसभा क्षेत्र के समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता डॉ रामाधार जोशी के समर्थकों ने मौके पर पहुंचकर पीड़ित परिवार से मिलकर शोक व्यक्त किया और उनका हर संभव मदद करने का भरोसा दिलाया जिसमें मुख्य रुप से जमसोती के ग्राम प्रधान जसवंत सिंह सहित तमाम लोग मौजूद रहे

आपको बता दें कि नौगढ़ इलाके के उदितपुर सुर्रा गांव में दीपावली पर कच्चे मकान के रंग-रोगन के लिए मंगलवार की सुबह मिट्टी की खोदाई करते समय टीला ढह गया। इसमें उदितपुर सुर्रा के शिवकुमार भारती और सोनभद्र के राब?र्ट्सगंज थाना के बहुअरा के कुरिहवां गांव निवासी दूधनाथ विश्वकर्मा, उनके पुत्र आशीष व रितेश समेत चार लोगों की मौत हो गई थी। इस दर्दनाक हादसे से पूरा परिवार बिखर गया।

बताया जा रहा है कि दूधनाथ के साथ ही उनके दोनों बेटों की मौत हो गई। घटना से गांव के लोग ही नहीं, बल्कि जनपदवासी आहत हैं। उदितपुर सुर्रा व बहुअरा गांव में कई घरों में चूल्हे तक नहीं जले। परिवार के लोगों का रो-रोकर बुरा हाल है। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के नहीं पहुंचने से परिवार वालों में क्षेत्रीय नेताओं के प्रति काफी गुस्सा भी देखा जा रहा है

कहा जा रहा है कि हादसे में मारे गए शिवकुमार की पत्नी व बेटियां सदमे को बर्दाश्त नहीं कर पा रहीं। रोते-रोते अचेत हो जा रहीं। घटना के बारे में जिसको भी जानकारी मिल रही है वह घर जाकर सांत्वना देने की कोशिश कर रहा है। मृतकों के दरवाजे पर शोक संवेदना व्यक्त करने वालों का तांता लगा रहा। ग्रामीणों के साथ ही नाते-रिश्तेदारों व जनप्रतिनिधियों की भीड़ जुटी रही।�

*अब कौन देगा मुखाग्नि*
सोनभद्र के बहुअरा के कुरिहवा गांव निवासी दूधनाथ विश्वकर्मा और उनके दोनों बेटों की मौत दर्दनाक हादसे में हो गई। परिवार में पत्नी चिता देवी के साथ तीन पुत्रियां ही बची हैं। ऐसे में शव को मुखाग्नि देने वाला और कोई नहीं बचा। चिता को मुखाग्नि देने के लिए अब नात-रिश्तेदारों का इंतजार हो रहा है। दूधनाथ की कक्षा चार में पढ़ने वाली बेटी अपनी मां से जब पूछ रही कि पापा अब नहीं आएंगे तो जवाब देते लोगों का गला रूंध जा रहा।