चकिया -से सटे यहां एबीएसए के निरीक्षण में गायब मिले शिक्षक, 25 अध्यापकों को जारी की गई नोटिस, मचा हड़कंप

चकिया से सटे यहां एबीएसए के निरीक्षण में गायब मिले शिक्षक, 25 अध्यापकों को जारी की गई नोटिस, मचा हड़कंप

संवाददाता कार्तिकेय पाण्डेय

नौगढ़। बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षक को अपने साथ शिक्षक डायरी रखना अनिवार्य किया गया है। अध्यापक इस डायरी को मेंटेन करना तो दूर, इसको बनाने के मूड में भी नहीं हैं। इसकी बानगी नौगढ़ में तब सामने आई है? जब एबीएसए नौगढ़ ने स्कूलों का निरीक्षण किया। एबीएसए ने कई हेड मास्टर समेत 25 अध्यापकों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए कहा है कि प्रार्थना के साथ स्कूलों में घंटा भी बजाना होगा। इस आदेश के बाद से अध्यापकों में हड़कंप मचा हुआ है।

आपको बता दें कि बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के बैग में किताबें तो मिल जाती हैें, लेकिन अध्यापकों के बैग या हाथ में उनकी शिक्षक डायरी ढूंढ़े नहीं मिलती। इसीलिए अध्यापक अपने कार्य का निर्वहन करने में भी पीछे होते जा रहे हैं। विद्यालय आने पर उनको यह तक नहीं मालूम होता है? कि आखिर उनको पढ़ाना क्या है? जबकि शासन की ओर से इसी बिंदु को मजबूत करने के लिए शिक्षक डायरी का फंडा निकाला था। हर शिक्षक को अपने साथ शिक्षक डायरी रखना अनिवार्य किया गया है इस डायरी को मेंटेन करना तो दूर इसको बनाने के मूड में भी नहीं हैं।

शासन ने व्यवस्था बनाई है कि किसी भी शिक्षक को अगले दिन क्या पढ़ाना है? या क्या गतिविधियां करानी हैं? उसकी पाठ योजना आदि तैयार कर स्कूल में जाना है। इसके लिए विद्यालय से अवकाश होने के 15 मिनट बाद तक शिक्षक को इसी काम को करने के लिए रुकना भी है। मगर इस व्यवस्था की जमीनी हकीकत कुछ और ही है। बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में शैक्षिक गुणवत्ता बढ़ाने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। शिक्षक डायरी भी लाई गई। जिसमें एक दिन पहले ही अगले दिन की शिक्षण योजना को लिखना होता है? लेकिन स्थिति जस की तस बनी है।

नौगढ़ में विद्यालयों की लगातार जांच पड़ताल कर रहे एबीएस अवधेश नारायण सिंह ने एक विद्यालय में हेड मास्टर से पूछा कि आप खड़े-खड़े क्या सोच रहे हैं ? पढ़ाई क्यों नहीं करा रहे हैं? तो अध्यापक ने जवाब दिया कि वो सोच रहे हैं? कि क्या पढ़ाना है? एबीएसए ने नाराजगी जताते हुए आधा दर्जन हेड मास्टर समेत 25 अध्यापकों को नोटिस जारी करते हुए शिक्षक डायरी बनाने को कहा है।

*क्या कहते हैं खंड शिक्षा अधिकारी*
स्कूलों की व्यवस्था चौपट है, कंपोजिट ग्रांट का दुरुपयोग हुआ है। निरीक्षण के दौरान अध्यापक अवकाश पर थे, लेकिन मानव संपदा पोर्टल पर अवकाश स्वीकृत नहीं था। कई अध्यापकों से पूछा गया कि क्या पढ़ा रहे है, शिक्षक डायरी में योजना क्यों नहीं लिखते? इस पर कोई जवाब नहीं मिला। इसके अलावा भी उनको अन्य स्कूलों में स्थितियां खास अच्छी नहीं मिलीं। यहां तक कि शिक्षकों के अवकाश मानव संपदा पोर्टल पर स्वीकृत होना जरूरी हैं। व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए हेड मास्टर और अध्यापकों को नोटिस दिया गया है।