चकिया -नगर के इस मंदिर परिसर में धर्मांतरण कर हो रही थी शादी, मौके पर पहुंची पुलिस ने दूल्हा-दुल्हन सहित परिजनों को लिया हिरासत में,मीडिया को रखा ममले से दूर,

चकिया नगर के इस मंदिर परिसर में धर्मांतरण कर हो रही थी शादी, मौके पर पहुंची पुलिस ने दूल्हा-दुल्हन सहित परिजनों को लिया हिरासत में,मीडिया को रखा ममले से दूर,

संवाददाता कार्तिकेय पांडेय�

चकिया- नगर के मां काली मंदिर पोखरा परिसर में गुरुवार की दोपहर दो अलग-अलग समुदाय के दूल्हा दुल्हन के शादी का कार्य चल रहा था। जब शादी के जरूरी कागजात बनवाने दूल्हा दुल्हन के परिवार वाले पास के कचहरी परिसर में पहुंचे और नाम बताया तो अधिवक्ताओं को मामले पर धर्मांतरण कर शादी करने का शक हुआ अधिवक्ताओं ने तो कागज बनाकर दे दिया। और दूसरी तरफ स्थानीय पुलिस को सूचना दे दी। जहां सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों दूल्हा में दुल्हन समेत उनके परिजनों को स्थानीय थाने पर ले आई। हालांकि जैसे ही मीडिया कर्मी वहां पहुंचे पुलिस तब तक उन्हें लेकर रफूचक्कर हो गई। और पूरे मामले से मीडिया को दूर रखा। वही खबर लिखे जाने तक दोनों पक्षों से पुलिस पूछताछ करती रही।

मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार की दोपहर हिंदू लड़की और मुस्लिम लड़के के परिवार वाले आपसी रजामंदी से नगर के मां काली मंदिर परिसर स्थित पहुंचकर शादी समारोह का कार्य कर रहे थे। इसी बीच जब कागजात तैयार कराने के लिए स्थानीय कचहरी पहुंचे।तो दूल्हा दुल्हन के अलग-अलग जाति को देखकर अधिवक्ताओं को कुछ संदेह हुआ। और अधिवक्ताओं ने कागजात बनाकर तो दे दिया लेकिन इधर स्थानीय पुलिस को पूरे मामले की जानकारी दी। जैसे ही मामले की जानकारी पुलिस को लगी मौके पर पहुंचकर वरिष्ठ उप निरीक्षक राजकुमार शुक्ला ने दोनों पक्षों के परिजनों सहित दूल्हा-दुल्हन को हिरासत में ले लिया और जानकारी के बाद जैसे ही मीडिया कर्मी घटनास्थल पर पहुंचे तो मीडिया को देखते हैं पुलिस दोनों को लेकर स्थानीय कोतवाली ले आई। जिसके बाद पूरे मामले से मीडिया कर्मियों को दूर रखा गया। और इसकी पूरी जानकारी नहीं दी गई। वह दोनों पक्षों के मामलों को देर रात तक पुलिस सुलह समझौता कराने में भी लगी रही। वह खबर लिखे जाने तक दोनों पक्षों के परिजनों में दूल्हा-दुल्हन से पुलिस पूछताछ करती रही।

वही मामले में सबसे बड़ी बात तो यह है कि जब पुलिस जानकारी होने के बाद दूल्हे वदुल्हन को हिरासत में लेने गई तो उनके साथ कोई भी महिला पुलिस कर्मी तैनात नहीं थी। जबकि शासन के निर्देशानुसार महिलाओं के किसी मामले में महिला पुलिस को लेकर जाना उचित होता है लेकिन स्थानीय पुलिस ने ऐसा करना बिल्कुल भी उचित नहीं समझा।