चकिया - नगर में यहां चंद्रावती नाले के अतिक्रमणकारियों पर क्या चल पाएगा मीणा का बुलडोजर, या फाइलों में दबा रह जाएगा मामला

चंद्रावती नाले के अतिक्रमणकारियों पर क्या चल पाएगा मीणा का बुलडोजर, या फाइलों में दबा रह जाएगा मामला

संवाददाता कार्तिकेय पांडेय

चकिया- जहां एक तरफ प्रदेश की योगी सरकार द्वारा लगातार अवैध जमीन पर अतिक्रमण करने वालों तथा तालाब पोखरी और नाला इत्यादि पर अवैध कब्जा व मकान बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है और उनको वहां से अतिक्रमण मुक्त कराया जा रहा है। लेकिन कहीं-कहीं पर सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा करने वाले रसूखदार विभाग पर भारी पड़ जा रहे हैं।और अधिकारियों की कार्रवाई शुरू होते ही रसूखदारों द्वारा हाईकमान से फोन आने के बाद मामलों को कागजों में दबा दिया जा रहा है।लेकिन कहीं-कहीं उच्चाधिकारियों की कार्रवाई से क्षेत्र में हड़कंप मचा रहा है। लेकिन वही उन्हीं अधिकारियों द्वारा कहीं कहीं जांच कर कार्रवाई प्रारंभ ना करना जनता के बीच में चर्चा का विषय बना हुआ है।

कुछ ऐसा ही मामला चकिया में देखने को मिला है।जहां की चकिया के एसडीएम/ ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा के आने के बाद क्षेत्र के लोग इनकी कार्रवाई को देखकर काफी अभिभूत हुए। और लगातार इनके द्वारा चलाया जा रहा है न्याय आपके द्वार के नियम के तहत कार्रवाई भी की जा रही है व अवैध अतिक्रमणकारियों को सरकारी भूमि को हटाया जा रहा है।लेकिन कहीं-कहीं मामलों की जानकारी लेने के बाद मौके पर पहुंचकर निरीक्षण व नापी कराने के बाद भी मजिस्ट्रेट की गंभीरता ना दिखाई देने से नगर के लोगों में तरह-तरह की चर्चाएं व्याप्त हो गई है।

बताते चलें कि नगर पंचायत स्थित शमशेर ब्रिज के नीचे सिंचाई विभाग ने आजादी के बाद आसपास के किसानों के लिए एक नाला बनवाया था। अपने अपने खेतों की सिंचाई कर सकें। जिसका नाम चंद्रावती नाला रखा गया। जिससे चकिया, बुढ़वल,तिलौरी,सोनहुल अमरा के किसान खरीफ और रबी की फसल की सिंचाई कर सकें। लेकिन चंद्रावती नाले के किनारे रखने वाले इस नाले को जमकर पाटकर अपने अपने मकानों के सामने की जमीन को कब्जे में लेकर उसका उपयोग अपने हित में कर लिया।वहीं वर्तमान समय में चंद्रावती नाला एक नाली के रूप में तब्दील हो चुका है। नगर के लोगों ने अपने अपने घरों से निकलने वाले कूड़े के ढेर से पाट दिया। वही जिसको लेकर सिंचाई विभाग की गहरी निद्रा में सोता रहा। और कभी उसने इस नाली की सुध नहीं ली। क्योंकि कुछ अतिक्रमणकारियों के द्वारा उन्हें कुछ चढ़ावे के रूप में दिया जाता रहा जिससे वह सोते रहे। और सिंचाई विभाग की उदासीनता के कारण मतदान के समय में अपने दिनदशा पर आशु बहाता नजर आ रहा है।

*चन्द्रावती नाले पर ही जाकर सिमटा मीणा का न्याय आपके द्वार की मुहिम*
चकिया ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा द्वारा आम जनता की समस्याओं को सुनकर त्वरित निस्तारण के लिए इनके द्वारा न्याय आपके द्वार के मुहिम की शुरुआत की गई है। जिसके तहत समस्याओं को लेकर मौके पर पहुंचकर स्थलीय निरीक्षण किया जा रहा है।और मामलों का त्वरित निस्तारण किया जा रहा है। लेकिन चंद्रावती नाले पर अतिक्रमणकारियों द्वारा किए गए अतिक्रमण के मामले को लेकर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट द्वारा मौके पर पहुंचकर नापी कराई गई। लेकिन उसके बाद अब तक अतिक्रमणकारियों के खिलाफ किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही ना करने से आम जनता में चर्चा का विषय बना हुआ है। और ज्वाइंट मजिस्ट्रेट द्वारा चलाए जा रहे न्याय आपके द्वार कि मुहिम चंद्रावती नाले पर जाकर सीमटता हुआ नजर आ रहा है।

*रसूखदारों द्वारा किए गए अतिक्रमण पर बेअसर हुआ मीणा का असर*
नगर के चंद्रावती नाले पर किए गए अतिक्रमण को लेकर एक बार ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा सक्रिय हुए और नाले की नापी कराते हुए अतिक्रमण किए हुए लोगों को जल्द से जल्द अतिक्रमण खाली कराने के निर्देश देते हुए कहा था कि अगर अतिक्रमण कारी नहीं मैंने तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और बुलडोजर चलाकर अवैध अतिक्रमण को हटवाया जाएगा।लेकिन चंद्रावती नाले पर रसूखदारों द्वारा किए गए अतिक्रमण पर प्रेम प्रकाश मीणा का असर बेअसर होता हुआ दिखाई दे रहा है। और अभी तक अतिक्रमणकारियों के खिलाफ किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गई।

*आखिरकार कब होगी अतिक्रमणकारियों पर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट की कार्रवाई*
चंद्रावती नाले पर अतिक्रमणकारियों द्वारा किए गए अतिक्रमण को लेकर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट द्वारा सख्त होने के बाद अभी तक कोई कार्रवाई निकल कर सामने नहीं आई है। अब देखना यही होगा कि आखिरकार कब तक ज्वाइंट मजिस्ट्रेट का डंडा अतिक्रमणकारियों पर चलता है।और कितने अतिक्रमणकारियों अतिक्रमण पर बुलडोजर चलता है और कितने अतिक्रमणकारियों पर कार्रवाई हो पाती है।