चंदौली- जनपद में यहां सबसे कम उम्र के जिला पंचायत सदस्य बनी यह लड़की,जानिए इसकी जीत की बड़ी वजह

चंदौली- जनपद में यहां सबसे कम उम्र के जिला पंचायत सदस्य बनी यह लड़की,जानिए इसकी जीत की बड़ी वजह

संवाददाता कार्तिकेय पांडेय

चंदौली- त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में एक से बढ़कर एक महारथियों के साथ अंगूठा टेक लोगों ने प्रतिभाग कर ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत सदस्य बने, लेकिन जिस उम्र में लोग चुनाव लड़ने के बारे में सोचते नहीं, उस उम्र में दलित समाज की एक युवा लड़की कुमारी संगम 21 वर्ष ने जिला पंचायत सदस्य बन कर जिले की सबसे कम उम्र की सदस्य बनने का गौरव प्राप्त किया है। उनके इस सफलता से परिजनों के साथ क्षेत्र के लोगों में हर्ष व्याप्त है।

मिली जानकारी के अनुसार सदर ब्लाक के गोरारी गांव के डा०फूलचंद के चार बेटियों और दो भाई में सबसे बड़ी कुमारी संगम है। जिनकी प्राथमिक शिक्षा गांव के प्राथमिक विद्यालय से शुरू हुई। वहीं इण्टरमीडिएट की शिक्षा चौधरी रघुनाथ इण्टर कालेज पखनपुरा से किया। राजकीय आईटीआई कालेज रेवसां से आईटीआई और कलकत्ता के एनएसटीआईडब्लू कालेज से सीटीआई 2021 में किया।

कुमारी संगम ने बताया कि मै पढ़ाई के साथ-साथ पिता डा० फूलचंद के साथ समाजिक कार्यों से जुड़ी रहीं। परिवार में पिता जी चुनाव लड़ने और लड़ाने का भी कार्य करते रहे। पिछली बार जिला पंचायत चुनाव लड़े थे लेकिन कुछ मतों के अंतर से सफलता हाथ नहीं लगी। इस बार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव प्रारम्भ होने से पूर्व ही कलकत्ता से पढ़ाई पुरी कर घर चली आयी।


इस दौरान सदर ब्लाक का सेक्टर नंबर तीन से जिला पंचायत सदस्य महिला के लिए आरक्षित हो गया। ऐसी दशा में चुनाव लड़ने की सारी तैयारी धुमिल हो गयी। माता आंगनबाड़ी कार्यकर्ती होने के कारण चुनाव नहीं लड़ सकती थी। पिता के सपनों को पुरा करने के लिए स्वयं चुनाव मैदान में उतर गयी। क्षेत्रीय जनों के सहयोग व पिता डा० फूलचंद के कठिन परिश्रम के बल पर मैंने जिले की सबसे कम उम्र की जिला पंचायत सदस्य बनने का गौरव प्राप्त किया है ।

कुमारी संगम ने कहा कि कठिन परिश्रम के बल पर ही सफलता प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने शासन द्वारा चलायी जा रही योजनाओं को पात्र लोगों को दिलवाने और बालिका शिक्षा को बढ़ाने के लिए कार्य करने की बात कही है ।