छत्तीसगढ़ महासमुंद: अपने ही विभाग में 30 लाख रुपए की गड़बड़ी के भ्रष्टाचार के खिलाफ अनशन पर बैठा अधिकारी

महासमुंद छत्तीसगढ़: महासमुंद जिले में भ्रष्टाचार का अनोखा मामला सामने आया है. यहां विभाग में हो रहे भ्रष्टाचार की शिकायत करने के बावजूद कार्रवाई न होने से नाराज़ जिले के महिला बाल विकास अधिकारी अनशन पर बैठ गए है. अनशन पर बैठने के लिए इस अधिकारी ने कलेक्टर को बाकायदा पत्र लिखा और उनसे बैठने के लिए जगह भी मांगी. जब कलेक्टर ने इस पर कोई जवाब नहीं दिया, तो घर पर ही अनशन करने बैठ गए.

अपने ही विभाग में भ्रष्टाचार के खिलाफ अनशन पर बैठने वाले इस अधिकारी का नाम सुधाकर बोदले है. वे महासमुंद जिले में महिला बाल विकास अधिकारी के पद पर पदस्थ हैं. अनशन पर बैठने वाले अधिकारी के मुताबिक महासमुंद जिले में महिला बाल विकास विभाग में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना और स्कूलों में दिए जानेवाले रेडी टू इट योजना में 2020 बड़ा भ्रष्टाचार हुआ. सुधाकर बोदले ने इसको लेकर कई बार विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन कोई हल नहीं निकला. अंत में थक-हारकर महिला बाल विकास अधिकारी सुधाकर बोदले अनशन पर बैठ गए. उनका कहना है कि जब तक दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती है, वे अनशन पर ही बैठे रहेंगे.


महिला कल्याण एवं बाल विकास विभाग की योजनाओं में भ्रष्टाचार को लेकर सुधाकर बोदले ने कलेक्टर को जो पत्र भेजा है, उसमें इन दोनों मामलों में हुई गड़बड़ी की पूरी जानकारी दी है. बोदले ने अपने पत्र में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत हुए 20 लाख और स्कूलों में रेडी-टू-ईट वितरण योजना के तहत 10 लाख रुपए की गड़बड़ी का जिक्र किया है. अपने पत्र में सुधाकर बोदले ने कलेक्टर से कहा है कि इन दोनों योजनाओं में गड़बड़ियों की वजह से हितग्राहियों का नुकसान हुआ है. इस बारे में बोदले ने विभाग के वरिष्ठ पदाधिकारियों को रिपोर्ट भी भेजी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसलिए एक नागरिक की हैसियत से वह अनशन पर बैठ रहे हैं. बोदले ने यह भी कहा है कि वे प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया के जरिये जनता को इन गड़बड़ियों के बारे में बताएंगे, ताकि दोषियों पर कार्रवाई हो सके.