सत्ता की हनक या साहब का रहम: आखिर क्यों नहीं हट रही शहाबगंज एसएचओ 

सत्ता की हनक या साहब का रहम: आखिर क्यों नहीं हट रही शहाबगंज एसएचओ

संवाददाता कार्तिकेय पांडेय

शहाबगंज-प्रदेश में लगातार कानून व्यवस्था को चुस्त एवं दुरुस्त करने के लिए योगी सरकार पूरी तरह से सख्त है और सीएम की मंशा के अनुसार प्रदेश में प्रशासनिक अधिकारी कार्य करते हैं और कहीं पर जनता के साथ बदसलूकी करने वाले और घूसखोरी कर गलत कार्यों का साथ देने वाले भ्रष्ट प्रशासनिक अधिकारियों पर कार्रवाई की जाती है। लेकिन जनपद में कुछ प्रशासनिक अधिकारी कभी-कभी शासन सत्ता पर भी भारी पड़ने लगते हैं। और तानाशाही रवैया के बल पर अपना कार्य करते नजर आते हैं।

जी हां हम बात कर रहे हैं चंदौली जनपद के एक ऐसे पुलिस अधिकारी की जो हमेशा जनता के साथ बदसलूकी,मारपीट और अपने तानाशाही रवैया से पूरे जिले में हमेशा सुर्खियों में बनी आ रही है।वह हैं चंदौली जनपद के शहाबगंज थाने की थाना प्रभारी वंदना सिंह। जो वर्तमान समय में अपने पति के शासन सत्ता में अपना दल पार्टी से विधायक होने पर शासन सत्ता पर भी भारी दिखती नजर आ रही है। आपको बताते चलें कि थाना प्रभारी बंदना सिंह चंदौली जनपद में सकलडीहा कोतवाली में कोतवाल रहते हुए भी लोगों के साथ बदसलूकी करने के मामले में हमेशा सुर्खियों में रही हैं और इनके खिलाफ लगातार अधिवक्ताओं सहित आम जनता का भी आंदोलन जारी रहा है। जिसके बाद वहां तनाव को देखते हुए उनको वहां से हटाकर साहबगंज का थाना प्रभारी बना दिया गया है। और यहां का चार्ज संभालते हैं यह अपने पुराने रवैया में कार्य करते हुए नजर आए और चार्ज लेने के तीसरे दिन देश के चौथे स्तंभ कहे जाने वाले पत्रकारों के साथ इन्होंने बदसलूकी किया था। जहां इनकी कार्यशैलियों से नाखुश होकर और इनके तानाशाही रवैया को देखते हुए इनके खिलाफ शहाबगंज थाना पर पत्रकार धरने पर बैठ गए थे और इनको हटाने का मांग किया था। लेकिन अभी तक एसपी द्वारा कोई भी कार्यवाही इनके खिलाफ नहीं किया। और धरने पर बैठे पत्रकारों को समझाने पहुंचे क्षेत्रीय अधिकारियों ने भी चुप्पी साध ली।इसके बाद इनके द्वारा चुनाव के कुछ दिन पहले ही साहबगंज थाना क्षेत्र के विशुनपुरा गांव में वहां की महिला प्रत्याशी और भाजपा की चंदौली जनपद की महिला मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष के साथ बदसलूकी, मारपीट किया गया था। इनके वाहन से दबकर दो लोग घायल हो गए थे जिसके बाद गुस्साए ग्रामीणों ने उनके वाहन पर पथराव कर दिया था इस मामले में इन्होंने कुछ नामजद और कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया था।और इनके द्वारा किए गए कार्रवाई के बाद गांव में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। और वही मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस के डर से महिला प्रत्याशी तथा जिन पर पुलिस द्वारा कार्रवाई हुई थी उन ग्रामीणों ने अपना अपना मतदान तक नहीं किया।

वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चुनाव के 1 दिन पहले ही विशुनपुरा मामले में इनके द्वारा की गई कार्यवाही से गांव में तनाव की स्थिति को देखते हुए चंदौली एसपी अमित कुमार द्वारा इनको यहां से हटाकर पुलिस लाइन में भेज दिया गया था। और शहाबगंज थाने पर दूसरे थाना प्रभारी को भेजा गया था। लेकिन हटाए जाने के बाद भी यह हमेशा क्षेत्र में घूम रही हैं और थाने पर बैठकर जन सुनवाई कर रही है श।

वही आपको बता दे कि थाने से पुलिस लाइन भेजे जाने के बाद भी इनका उसी थाने पर डटे रहना क्या यह उनके शासन सत्ता की हनक को जारी रखने की बात को दर्शाता है या फिर एसपी साहब का इनके ऊपर रहम है।जिससे कि अभी तक वह उसी थाने पर डटी हुई है।आखिर अभी तक कई मामलों में सुर्खियों में होने के बाद भी इनको क्यों नहीं हटाया गया।