चकिया- कोतवाल पर लटकी कार्यवाही की तलवार

चकिया कोतवाल पर लटकी कार्यवाही की तलवार

संवाददाता कार्तिकेय पांडेय

चकिया-अपने कार्यकाल के दौरान थाना क्षेत्र में होने वाले पशु तस्करी के मामले को लेकर कुछ पुलिस अधिकारी हमेशा चर्चा में बने रहते हैं और कभी इन पर कार्रवाई हो जाती है तो कभी कार्रवाई की तलवार लटक जाती है।जी हां हम बात कर रहे हैं चकिया कोतवाल नागेंद्र प्रताप सिंह की जहां चकिया कोतवाली क्षेत्र के मंगरौर पुल पर बुधवार की देर रात्रि 2:30 बजे पुलिस टीक द्वारा पीछा करने के बाद अपने को फिरता देख तस्करों ने कर्मनाशा नदी पुल से नीचे छलांग लगा दिया।जिससे उनकी मौके पर मौत हो गई और वहीं घटना की सूचना पाकर मौके पर आईजी जोन एस के भगत और पुलिस अधीक्षक अमित कुमार मौके पर पहुंचे और जांच पड़ताल में जुट गए हैं वही आपको बता दें कि नदी के पुल पर से नीचे खोजने पर पशु तस्करों को हुई मौत मामले में अधिकारियों ने संज्ञान लिया है और चकिया कोतवाल नागेंद्र प्रताप सिंह पर कार्यवाही की तलवार लटक चुकी है।

*इन्हीं के कार्यकाल में पशु तस्करों के वाहन से 6 लोगों की गई थी जान*
आपको बताते चलें कि चकिया कोतवाल नागेंद्र प्रताप सिंह कई थानों पर अपने कार्यकाल के दौरान इससे पहले भी लगातार चर्चा में रहे हैं। और 2019 में जब यह चकिया सर्किल के अंतर्गत आने वाले इलिया थाना प्रभारी रहे। तब 2019 के 1 जनवरी की अलसुबह पशु तस्करों के डीसीएम वाहन से कुचलकर एक ही परिवार के 7 लोगों की मौत हो गई थी जिसमें केवल एक बच्ची की ही जान बची थी और मौके पर तत्कालीन डीएम नवनीत सिंह चहल और तत्कालीन एसपी संतोष कुमार सिंह घटनास्थल पर पहुंचे थे। और मामले की जांच कर कार्रवाई के क्रम में नागेंद्र प्रताप सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था और चकिया कोतवाल रहे अश्वनी चतुर्वेदी को लाइन हाजिर कर दिया गया था।

*मामले की गुत्थी सुलझाने में जुटी है चकिया पुलिस*
मंगलवार की देर रात्रि मगरौर पुल से नदी में छलांग लगाने लगाने के बाद 3 पशु तस्करों की मौत हो गई और जिसमें एक की मौके पर ही मौत हो गई और दो तस्करों ने चकिया जिला संयुक्त चिकित्सालय में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। हालांकि इस मामले पर पुलिस गुत्थी सुलझाने में जुट गई है और पुलिस का कहना है कि पुल पर जाम लगने के कारण पुलिस के आने की भनक पाकर पशु तस्कर नदी में कूद गए हैं जिससे उनकी मौत हो गई है लेकिन वहीं दूसरी ओर मृतक पशु तस्करों के परिजनों ने आरोप लगाया है की पुलिस द्वारा पीछा करते समय ही अपनी जान बचाने के चक्कर में पशु तस्करों ने पुल से छलांग लगाई है। जिससे उनकी मौत हो गई है।अगर पुलिस द्वारा उनका पीछा नहीं किया गया होता तो शायद उनकी जान बच जाती।