*आरक्षण सूची मजबूत लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत, इस आरक्षण सूची से हर तबके को चुनाव लड़ने का मिलेगा अधिकार- सरिता सिंह* 

*आरक्षण सूची मजबूत लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत, इस आरक्षण सूची से हर तबके को चुनाव लड़ने का मिलेगा अधिकार- सरिता सिंह*�

�*आरक्षण सूची ने गड़बड़ा दिया चुनाव की तैयारी में लंबे समय से लगे प्रत्याशियों की गणित*

संवाददाता कार्तिकेय पांडेय�

�चकिया- के स्थानीय विकास खंड तथा शहाबगंज विकासखंड में बुधवार को आरक्षण की सूची जारी होने पर कितनों के चेहरे खिले तो कितने के चेहरे सिर्फ मुरझाए ही नहीं बल्कि ऐसे संभावित प्रत्याशी पूरी तरह से धराशाई हो गए। पिछले 6 माह से चुनाव लड़ने की पूरी तरह से तैयारी में जुटे जिला पंचायत सदस्य से लेकर प्रधान पद के दावेदारों में आरक्षण सूची चस्पा होने के साथ ही मायूसी छा गई। पिछले बार के चुनाव में मामूली अंतर से चुनाव हारे प्रधान पद के प्रत्याशी अबकी बार पिछले 1 वर्ष से चुनाव की तैयारी में जुटकर गांव के लोगों की सेवा में लगे हुए थे, हर सामाजिक कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर भागीदारी निभाना, हॉस्पिटल से लेकर गांव के लोगों के हर सुख दुख में भागीदारी निभाते रहने की बाद जब आज आरक्षण की सूची ब्लाक पर चस्पा हुई तो उसे देखकर उनके पूरे परिवार में मातम से छाया रहा। वहीं जिला पंचायत सदस्य के लिए कुछ चर्चित प्रत्याशी भी पिछले 6 माह से पूरे जी-जान से तैयारी में जुटे हुए थे, और हर कार्यों में बढ़-चढ़कर भागीदारी निभाते रहे हैं। मगर आरक्षण सूची ठीक उसके विपरीत आने से उनके तथा उनके समर्थकों की चेहरे मुरझा गए हैं। वही सिटी अपडेट न्यूज़ नेटवर्क के जिला ब्यूरो चीफ कार्तिकेय पांडेय से बातचीत करने के दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष सरिता सिंह एवं उनके पति पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष छत्रबली सिंह का एक ही जवाब आ रहा। पति पत्नी दोनों लोगों का कहना है कि शासन द्वारा जारी आरक्षण सूची नियमानुसार जारी की गई है। जिला पंचायत सदस्य की सीटें हो या ब्लॉक प्रमुख पद की तथा ग्राम प्रधान पद की, सारी सूचियां पूरी पारदर्शिता के साथ बनाई गई हैं शासन द्वारा जारी सूची की उन्होंने जमकर तारीफ की। कहा कि शासन द्वारा �चक्रानुक्रम के अनुसार जारी कई गई है। जिन जाति के लोगों को आज तक मौका नहीं मिला है उन्हें अबकी बार चुनाव लड़ने का खुला आमंत्रण मिला है। इस सूची से समाज के हर तबके को चुनाव लड़ने का अधिकार हासिल हो सका है, जो एक मजबूत लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत है। वही छत्रबली सिंह का कहना है कि शहाबगंज विकासखंड के खोजापुर गांव में अनुसूचित जाति की बहुल्यता के बावजूद यहां की सीट सॉफ्टवेयर की गलतियों के कारण अनुसूचित नहीं हो सकी। जिसके कारण बरहुआ ग्राम पंचायत सीट को अनुसूचित कर उसकी खामियां पूरा की गई। शेष सभी सीटें संतोषजनक रही।