शहाबगंज- 40 साल बीत जाने के बाद भी सरकारी सुविधाओं से वंचित हैं इस गांव के ग्रामीण,

40 साल बीत जाने के बाद भी सरकारी सुविधाओं से वंचित हैं इस गांव के ग्रामीण,

संवाददाता कार्तिकेय पांडेय

चकिया- भाजपा सरकार के मंत्री विधायक भले ही मंच से या प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार के द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों का ढिंढोरा पीटते नजर आते हैं और विकास के मामले में जनता के बीच जाकर अपनी सरकार की उपलब्धि बताते नहीं थकते हैं, लेकिन जिले के कुछ इलाकों में वास्तविकता कुछ और ही नजर आ रही है। आज हम आपको एक ऐसी तस्वीर दिखाएंगे जहां देख कर आप सोचने पर मजबूर हो जायेंगे कि किस तरह भाजपा सरकार का सबका साथ सबका विकास वाला नारा फेल होता दिखता है।

दरअसल पूरा मामला चकिया तहसील के मजराती गाँव का है, जहां आजादी के 7 दशक बीत जाने के बाद भी गाँव की तस्वीरें ज्यों की त्यों है। आज भी गांव में बिजली, सड़क ,आवास, शौचालय और शिक्षा से वंचित हैं। हद तो तब हो गई जब गांव में लोगों को पीने के लिए हैंडपंप भी जनप्रतिनिधि व अधिकारियों के द्वारा नहीं लगवाए गए हैं। ऐसे में ग्रामीण नदी का पानी पीने पर विवश है।

किस प्रकार ग्रामीण नदी से पानी भरकर घर ले जा रहे हैं। ताकि घर के काम काज कर सकें। चर्चा है कि इसके लिए कई बार जनप्रतिनिधियों व स्थानीय अधिकारियों से कहा गया लेकिन केवल आश्वासन मिलता है।

जब मामले के बारे में प्रभारी मंत्री रमाशंकर सिंह पटेल से मामले में पूछा गया तो उन्होंने बताया की जनपद में ऐसा कोई गाँव नहीं है, जहाँ सड़क, बिजली, पानी की व्यवस्था न हो.. लेकिन फिर मंत्री जी ने यू टर्न लेते हुए बताया कि जनपद में कुछ गाँव बचे भी हैं तो वहां भी सौभाग्य योजना के तहत घर घर बिजली पहुंचाएंगे और 2022 से पूर्व हर गांव में 24 घंटे बिजली की व्यवस्था करेंगे।

अब ये देखना दिलचस्प होगा कि प्रभारी मंत्री जी के संज्ञान में मामला आने के बाद ग्रामीणों का भला हो पाता है या कोरा आश्वासन से ही ग्रामीणों को संतोष करना पड़ता है।