चकिया-इलाज कराने आई वृद्धा का चिकित्सकों ने बाहर से लिखी जांच, स्ट्रेचर पर ले जाते वीडियो वायरल

इलाज कराने आई वृद्धा का चिकित्सकों ने बाहर से लिखी जांच, स्ट्रेचर पर ले जाते वीडियो वायरल

संवाददाता कार्तिकेय पांडेय

चकिया-जहां एक तरफ शासन के निर्देश पर पूरे प्रदेश भर में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और सरकारी अस्पतालों में किसी भी मरीज का अंदर से दवा लिखे तथा समुचित जांच कर इलाज करने के निर्देश दिए गए हैं। और पूरे प्रदेश में शासन के निर्देश का पालन करते हुए ऐसा ही किया जा रहा है। लेकिन कुछ जगह पर सरकारी अस्पतालों में दलालों तथा अस्पताल के कर्मचारियों की मिलीभगत से व्यवस्थाएं दोस्त है और अस्पताल में दलालों का बोलबाला है।

चकिया कोतवाली क्षेत्र के सुल्तानपुर गांव निवासिनी रामादेवी 60 वर्ष छत की सीढ़ी से गिरकर घायल हो गई। जहां परिवार के लोगों ने उसे तुरंत चकिया जिला संयुक्त चिकित्सालय ले आए। और इलाज के लिए डॉक्टर के पास ले गए। जहां हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर शशिकांत मिश्रा के द्वारा जांच लिखी गई।और चिकित्सालय के बाहर प्राइवेट पैथोलॉजी पर जाकर जांच कराने के लिए कहा। और डॉक्टरों के द्वारा हॉस्पिटल में घूम रहे दलालों को सौंप दिया गया। और दलाल उस गरीब वृद्धा तथा परिजनों से मोटी रकम ऐंठने के चक्कर में पड़ गए। और वृद्धा के परिजनों से बाहर से अच्छे तरीके का इलाज कराने की बात कही। जिस पर वृद्धा के परिजन स्ट्रेचर पर घायल वृद्धा को चिकित्सालय से बाहर ले जाकर प्रकाश पैथोलॉजी तथा माया हॉस्पिटल पर ले गया। जहां प्रकाश पैथोलॉजी का संचालक मरीज का इलाज करने के लिए ₹400 की मांग की जहां वृद्धा के पास केवल ₹300 ही था और वह इलाज नहीं किया। और वृद्धा के पास पैसा नहीं होने पर माया हॉस्पिटल उसका इलाज करने के लिए ₹300 में तैयार हो गया।जहां घायल वृद्धा को उसके परिजन माया हॉस्पिटल पर ले जाकर इलाज कराएं। उसके बाद हॉस्पिटल लेकर आए हैं और फिर डॉक्टर सलाह लिए।

लेकिन अब इसमें सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिरकार चिकित्सालय में सभी सुविधाएं मौजूद होने के बाद भी आखिर चिकित्सालय के डॉक्टरों द्वारा बाहर से दवाइयां तथा जांच पड़ताल क्यों लिखी जा रही हैं और अंदर से क्यों नहीं किया जा रहा है। और अगर सूत्रों की माने तो कमीशन के रूप में चिकित्सालय के डॉक्टरों की मोटी कमाई भी होती है।दलालों तथा हॉस्पिटल के संचालकों से मिलजुल कर भारी पैसा कमाते हैं और सबसे बड़ी बात तो यह है कि हॉस्पिटल में चल रहे इतने बड़े दलाली गिरी के कार्य की जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी उषा यादव तक को नहीं है।

और आपको बताते चलें कि जब इस मामले को लेकर सीएमएस उषा यादव से मीडिया कर्मी बात करना चाहे तो सीएमएस सहित अन्य चिकित्सक भी मीडिया के सामने आने से कतराते हुए नजर आए। और इस मामले पर कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया।