चकिया-पुलिस की पकड़ से अभी भी कोसों दूर हैं हेड कांस्टेबल के हत्यारे

पुलिस की पकड़ से अभी भी कोसों दूर हैं हेड कांस्टेबल के हत्यारे*

संवाददाता कार्तिकेय पांडेय

चकिया/शेरवा- जमालपुर थाना क्षेत्र के शेरवा पहाड़ी पर 1 सप्ताह पूर्व एक सिपाही की हत्या किए जाने के मामले में पुलिस ने 8 दिन के बाद भी मुकदमा दर्ज करने के बाद कई जगह पर दलित थी हालांकि अब तक मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है पहाड़ी पर बड़े स्तर पर युवा संचालन सभी सिपाही की हत्या को जोड़कर देखा जा रहा है। सिटी अपडेट न्यूज़ में शेरवा पहाड़ी पर बड़े पैमाने पर होने वाले जुए की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था जिसका असर रहा कि बुधवार को जमालपुर पुलिस ने शेरवा और आसपास की पहाड़ियों पर कांबिंग किया।

मिली जानकारी के अनुसार चंदौली जिले के चकिया कोतवाली क्षेत्र के कौड़िहार गांव निवासी 42 वर्षीय शशिकांत सिंह जौनपुर के सराय ख्वाजा थाने पर हेड कांस्टेबल के पद पर तैनात थे 27 नवंबर को वह छुट्टी लेकर घर आए थे 28 नवंबर को उनका शव शेरवा पहाड़ी पर मिला। वहीं उनके परिजनों ने हत्या की आशंका जताई है जिस पहाड़ी पर कांस्टेबल का शव मिला वहां पर बड़े स्तर पर जुआ का संचालन होता है।
सिटी अपडेट न्यूज ने जुआ संचालन की खबर को प्रमुखता से छापा था आशंका जताई जा रही थी कि पहाड़ी पर जुआ संचालन करने वालों ने हत्या की है वहीं जमालपुर की पुलिस ने बुधवार को कांबिंग की। बुधवार को मिर्जापुर के पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर पुलिस ने शेरवा,जफरखानी, लोहराजपुर लठिया, शाहजनी, के नक्सल प्रभावित पहाड़ी पर कांबिंग के दौरान पुलिस ने पहाड़ पर रहने वाले लोगों के बारे में गोपनीय जांच पड़ताल की कांबिंग के दौरान थाना अध्यक्ष जमालपुर विजय कुमार सरोज चौकी प्रभारी शेरवा टीवी राय, कांस्टेबल बृजेश सिंह सहित पुलिसकर्मी मौजूद रहे।

*मृतक सिपाही के परिवार में पहले भी हो चुकी है हत्याएं*
शेरवा- सिपाही की हत्या से पूर्व भी परिवार में हत्या और हत्या के प्रयास किए जाने के मामले सामने आए हैं।पूर्व में भी हुए उन मामलों का खुलासा नहीं हो सका है। हेड कांस्टेबल शशिकांत सिंह के चाचा श्याम नारायण उर्फ सामू पहलवान की वर्ष 1992 में चकिया से दक्षिण लतीफ शाह बांध के पास गला दबाकर हत्या की गई थी वही शशिकांत के बड़े भाई कमलाकांत सिंह की 30 जनवरी 1997 में मुगलसराय चंदौली में गोली मारकर हत्या का प्रयास किया गया था। वहीं वर्ष 2009 में सिपाही के दूसरे भाई तेजबली सिंह पर जानलेवा हमला किया गया था। इसी बीच 28 नवंबर की रात हेड कांस्टेबल के संदिग्ध परिस्थितियों में मिर्जापुर जनपद के शेरवा पहाड़ी पर शव बरामद हुआ। आपको बता दें कि परिजनों के हत्या के आरोप के बाद भी मिर्जापुर के पुलिस उन्हें जमालपुर से चंदौली के चकिया कोतवाली दौडा़ती रही। वहीं सपा कार्यकर्ताओं द्वारा जमालपुर थाना का घेराव करने के बाद 6 दिन के बाद जमालपुर पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज किया गया।
वही आपको बता दें कि सिपाही के परिवार में पूर्व में भी हुए वारदात के बाद उनके परिजन भी पूरी तरह से आशंकित हैं कि सिपाही शशिकांत सिंह के मौत के रहस्य का पर्दाफाश होगा या फिर पूर्व की घटनाओं की तरह ही यह मामला भी पुलिस की फाइलों में दबा ही रह जाएगा।