चकिया -अपने देश के प्रति अपने कर्त्यव्यों को भी याद दिलाता है संविधान दिवस - राखी सिंह 

अपने देश के प्रति अपने कर्त्यव्यों को भी याद दिलाता है संविधान दिवस - राखी सिंह

संवाददाता कार्तिकेय पांडेय

चकिया - सावित्री बाई फुले राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय चकिया, चंदौली में दिनांक 26 नवंबर 2020 को संविधान दिवस के अवसर पर एक दिवसीय वेबिनार का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का संचालन वेबीनार की संयोजिका डॉ प्रियंका पटेल द्वारा किया गया।

वहीं उन्होंने बताया कि हमारा संविधान 26 नवंबर,1949 को संविधान सभा द्वारा बनकर तैयार हुआ। भारत सरकार द्वारा वर्ष 2015 को डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी के 125 वी जयंती वर्ष के अवसर पर 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई। उसके पश्चात प्रत्येक वर्ष 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता रहा है ।भारतीय संविधान की उद्देशिका में कहा गया है कि 'हम भारत के लोग' इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं यानी भारत में सर्वोच्च शक्ति जनता में निहित है तथा भारतीय जनता द्वारा इस संविधान को निर्मित किया गया है।

इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ राखी सिंह ,विभागाध्यक्ष, राजनीति विज्ञान, महिला विद्यालय डिग्री कॉलेज ,सती कुंड , हरिद्वार ,उत्तराखंड थी। इन्होंने संविधान सभा के समक्ष संविधान निर्माण से पूर्व जो चुनौतियां थी उस पर प्रकाश डालते हुए भारतीय संविधान के प्रस्तावना के प्रत्येक मूल्यों पर संवैधानिक एवं व्यावहारिक दृष्टिकोण से बताते हुए एक सारगर्भित एवं उत्कृष्ट व्याख्यान दिया।

इस कार्यक्रम की विशिष्ट वक्ता डॉ निभा राठी ,असिस्टेंट प्रोफेसर ,राजनीति विज्ञान, महिला विद्यालय डिग्री कॉलेज , हरिद्वार से थी। इन्होंने राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया, संविधान सभा की कार्यवाही तथा संविधान के निर्माण में महापुरुषों की भूमिका पर गहन तरीके से प्रकाश डाला।

महाविद्यालय की संरक्षिका एवं प्राचार्य डॉ संगीता सिन्हा जी ने बताया कि स्वतंत्रता, समानता एवं न्याय जैसे मूल्य हमें संविधान द्वारा ही प्रदान किए गए हैं। हमें संविधान द्वारा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता दी गई है लेकिन उस पर युक्तियुक्त निरबंधन भी है, जब हमारी अभिव्यक्ति से राष्ट्र के लिए खतरा उत्पन्न होता है तो उस पर प्रतिबंध आरोपित कर दिया जाता है । संविधान द्वारा व्यक्ति की गरिमा को सुनिश्चित किया गया है जब तक व्यक्ति की गरिमा सुनिश्चित नहीं रहेगी तब तक प्रत्येक व्यक्ति राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में अपने आप को भागीदार नहीं समझ पाएगा ।
कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन संयोजिका डॉ प्रियंका पटेल द्वारा किया गया।

इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉक्टर सरवन कुमार यादव , पुस्तकालय अध्यक्ष श्री अनिल सिंह ,डॉ संतोष कुमार यादव आयोजक सचिव श्री पवन कुमार सिंह सहित महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक एवं छात्र छात्राएं वेबिनार से जुड़कर उपस्थित रहेI