चंदौली- माता पिता की सेवा न करने वाले निशाचर-मनोज अवस्थी ( श्री राम कथा चकिया)

चकिया- अपने माता पिता की सेवा करना हमारा सबसे पहला कर्तव्य है और जो अपने माता पिता की सेवा नहीं कर सकता है उनके आदेशों का पालन नहीं कर सकता है आदमी नहीं निशाचर के समान होता है उसके जैसा निशाचर दुनिया में कोई हो ही नहीं सकता उक्त बातें चकिया मां काली मंदिर पोखरा पर मानस प्रेम यज्ञ सेवा समिति की ओर से चल रहे श्री राम कथा तृतीय निशा पर अंतरराष्ट्रीय कथा वक्ता मनोज अवस्थी जी ने कही उन्होंने कहा कि कुसंग सुचालक है झटका मारता है कुसंग हमेशा हमें गड्ढे में गिराता है यह एक बहुत बड़ा बुखार भी है जिसको चल जाता है जल्दी उत्तर नहीं सकता। उन्होंने कहा कि तुम्हारी भावना से ही तुम्हें भगवान मिल जाते हैं अगर तुम्हारे अंदर भाव नहीं है तो सब बेकार है इसलिए भक्तों के अंदर सबसे पहले भाव होना जरूरी है । इस दौरान डॉ गीता शुक्ला, पूनम पांडे, मंगला राय, श्याम शरण वैद्य, रामकिंकर राय, अवध बिहारी मिश्र, सहित तमाम लोग उपस्थित थे