कानपुर,बृजेश पाल की अपहरण के बाद हत्या 

यूपी में एक के बाद आपराधिक मामले सामने आ रहे हैं अपराधियों के हौसले बुलंद हैं कानपुर में एक के बाद एक घटनब को अंजाम दिये जा रहे हैं ताजा मामले में आज पुलिस ने बृजेश पाल का शव बरामद कर लिया है ब्रजेस पाल का 16 जुलाई को भोगनीपुर धर्म काटा से अपहरण हुआ था अपराधियों ने फिरोती में 20 लाख रुपए की मांग की थी

परिजनों से फोन पर 20 लाख रुपए की मांग करी थी जिसकी काल रिकॉर्डिंग का आडियो पुलिस को सुनाया गया था पुलिस ने एक दोस्त को भी गिरफ्तार किया है
भोगनीपुर से अपहृत बृजेश पाल का शव मंगलवार शाम को दिन में कान्हाखेड़ा के एक सूखे कुएं से बरामद हो गया। माना जा रहा है कि दोस्त ने ही उसे अगवा कर 20 लाख की फिरौती मांगी और हत्या कर दी। इस मामले में पुलिस ने उसके दोस्त को पकड़ा जिसके बाद शव यहां पर हत्या कर फेंके जाने की जानकारी मिली। शव मिलने के बाद से बृजेश के पिता, भाई, मां व बहन बेहाल हैं। यह सभी सभी पुलिस पर लगातार लापरवाही बरतने का आरोप लगा रहे हैं। इसका मानना है कि पुलिस की ही लापरवाही के कारण उनका बेटा मौत के मुंह में चला गया।
बृजेश पाल हाइवे किनारे नेशनल धर्मकांटे पर काम करता था। 16 जुलाई की रात उसका अपहरण हो गया और अगले दिन बृजेश पाल के ही मोबाइल नंबर से घर पर 20 लाख की फिरौती का फोन आया और पांच दिन का समय दिया गया। पुलिस जांच में जुटी लेकिन उसे लोकेशन तक न पता चल सका। अभी तक पुलिस सुराग तलाशती रही और स्वजनों ने रिश्तेदारों से ही मारपीट का आरोप लगाया। वहीं मंगलवार को बृजेश के एक साथी को पुलिस ने मामले में दबोचा जिसके बाद उसे शव को यहां पर हत्या कर फेंके जाने की बात बताई। यहां चौरा से करीब 6 किलोमीटर दूर कान्हाखेड़ा में कुएं में पुलिस व दमकल कॢमयों ने तलाशी अभियान चलाया। जहां बृजेश का कई दिन पुराना शव निकला। भाई बृजेश व चचेरे भाईयों ने शव की शिनाख्त बृजेश के रूप की। भाई राजेश का आरोप है कि पुलिस लगातार लापरवाही बरतती रही जिसके चलते उनके भाई की जान चली गई। वहीं पुलिस ने अभी तक हत्या क्यों की गई इसका खुलासा नहीं किया।
कानपुर देहात के धर्मकांटा कर्मी बृजेश पाल का 13 दिन पहले अपहरण हो गया था। कानपुर के संजीत यादव के अपहरण की तरह ही 13 दिन तक पुलिस बृजेश पाल के अपहरण में भी हवा में तीर चलाती रही। बृजेश के अपहरण के बाद 20 लाख की फिरौती मांगी गई थी। फिरौती मांगने के बाद भी अपराधी धन मिलने का इंतजार करते रहे जबकि पुलिस देहात जांच के नाम पर हवा में हाथ-पांव चलाने में लगी हुई थी।
घर वालों ने बोला था- पुलिस पर भरोसा नहीं, घर बेचकर देंगे फिरौती
बृजेश पाल का अपहरण 15 जुलाई को हुआ था और अगले दिन 20 लाख की फिरौती के लिए बृजेश पाल के ही मोबाइल नंबर से अपहर्ताओं ने फोन किया था। 12 दिन बाद भी बृजेश अपहरण कांड में पुलिस की तहकीकात किसी मुकाम पर नहीं पहुंची तो उसके घर के लोगों ने कहा बेटे की सलामती के लिए घर, खेत व जेवर बेचकर वे 20 लाख फिरौती की रकम दे देंगे, बस बेटा लौट आए। उन्होंने धर्मकांटा मालिक व उसके सहकर्मी पर शक जताते हुए कहा कि पुलिस ने उनसे कड़ाई से पूछताछ नहीं की। बृजेश पाल का अपहरण पुलिस के कोई ठोस सुराग हासिल न कर पाने से स्वजन हिम्मत हारते जा रहे थे। बेटे की सलामती के लिए किसी भी तरह फिरौती की रकम देने का मन बना चुके है। उनका कहना है कि पुलिस ने सही से जांच नहीं की। बहन आरती व पिता शिवनाथ ने बताया कि धर्मकांटा मालिक व उसके सहकर्मी से पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ नहीं की, उन्हें इन लोगों पर भी शक है। घटना के बाद से लगातार दोनों बृजेश पाल के चरित्र पर सवाल उठाकर मामले को किसी और ही दिशा में ले जाना चाह रहे है। इसके अलावा सील हुए धर्मकांटा को भी अब खोल दिया गया है, यहां पर फॉरेंसिक जांच घटना के बाद कराई जानी थी, जिससे कोई फिंगर प्रिंट तो मिलते।
सीओ भोगनीपुर को बृजेश का घर तक नहीं पता। बहन अनीता ने कहा कि सीओ गांव वालों से पूछते रहे कि बृजेश का घर कहां है, किसी तरह वह घर के पास पहुंचे भी तो यहां न आकर पास में प्रधान के घर चले गए। वह सवाल करती हैं कि जब सीओ को घर भी नहीं पता तो वह कैसे जांच करेंगे।
अपहरण कांड में पुलिस ने शक के आधार पर भोगनीपुर पुलिस ने पुरैनी गांव निवासी एक युवक को उठाया, इसके अलावा चौरा गांव की भी एक महिला को हिरासत में लिया गया। बृजेश की कॉल डिटेल रिपोर्ट (सीडीआर) से पता चला है कि दोनों की उससे बातचीत होती थी। पुलिस ने उनसे घटना के समय, लोकेशन व बृजेश के परिचितों के बारे में पूछताछ की। दोनों ही घटना में अपना हाथ होने से इंकार करते रहे। करीब छह घंटे तक पूछताछ के बाद गांव से बाहर न जाने की हिदायत देकर छोड़ा। सीओ आशापाल सिंह ने बताया कि शक के आधार पर पूछताछ की गई है।