जिले में दूसरा कोरोना मरीज मिलने से देवरिया जिला प्रशासन सकते में

*ब्रेकिंग देवरिया* � � � � � � देवरिया जनपद में मिला दूसरा कोरोना मरीज� -उत्तरप्रदेश के देवरिया जनपद के �थाना तरकुलवा के ग्राम भैंसा डाबर का रहने वाला है जिसका नाम बैतुल्लाह पुत्र हुक्मदार है।जनपद में मिले पहले कॅरोना पॉजिटिव मरीज हनीफ मंसूरी के साथ मुम्बई से एम्बुलेंस में आया था ।जिसकी जांच रिपोर्ट देर रात आ गई जिसमें कॅरोना की पुष्टि हुई है।जिसे देर रात को ही गोरखपुर बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज(BRD PG COLLAGE )में इलाज के लिये भेज दिया गया।

आपको बताते चलें कि

देवरिया में गुरुवार को मिले कोरोना पॉजिटिव को रात में ही जिला अस्पताल से इलाज के लिए बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर भेज दिया गया। यह मरीज बीमार के साथ मुम्बई से लौटा था । इसके अलावा उस एम्बुलेंस में आए अन्य चारो के संपर्क में रहे कुल 47 लोगो को जिला मुख्यालय के एक मैरेज हाल में बने आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर जांच के लिए सैम्पल भेजा जा रहा है। जिला प्रशासन ने समय की नजाकत और तत्परता दिखाते हुए रात में ही विशुनपुर कला, फरनहा और भैंसा डाबर गांव को सील कर दिया था। मुम्बई से लौटने वाले चारो इन्ही गांव के है। इसमे बीमार व्यक्ति की मौत हो गई है।
तरकुलवां थाना क्षेत्र के फरनहां गांव का रहने वाला केदार जायसवाल(50) पुत्र सरयू मुम्बई में साड़ी पर माड़ी चढ़ाने वाली फैक्ट्री में मजदूरों को भोजन बनाने का काम करता था। करीब एक पखवारे पूर्व वह पैरेलाइज का शिकार हो गया। मार्च माह में ही कंपनी में मांडी कराने की ठेकेदारी करने वाला भैंसाडाबर का ओबेतुल्लाह उसे लेकर मुम्बई गया था।

बीमारी की जानकारी होने पर केदार के परिजनों ने दबाव बनाया तो ठेकेदार ओबेतुल्लाह 60 हजार रुपए में एंबुलेंस बुक कर साथ में काम करने वाले गांव के ही चंद्रिका मद्धेशिया और विशनुपुरकला के हनीफ मंसूरी के साथ केदार को लेकर 27 अप्रैल को मुम्बइ से देवरिया के लिए चला। कुशीनगर के रास्ते 29 अप्रैल की सुबह उनकी एंबुलेंस फरनहां पहुंची। केदार को उसके घर पहुंचाने के बाद एंबुलेंस चालक ओबेतुल्लाह, चंद्रिका और हनीफ को कंचनपुर चौराहे पर उतार कर वापस चला गया। यहां से तीनों अपने-अफने घर चले गए।


अपने भाई शरीफ के साथ हनीफ बाइक से घर पहुंचा तो इसकी जानकारी गांव के प्रधान व रोजगार सेवक को हो गई। प्रधान व रोजगार सेवक की सूचना पर मौके पर पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम उसी दिन हनीफ के अलावा चंद्रिका और ओबेतुल्लाह को जिला अस्पताल लाकर आइसोलेशन वार्ड में इन्हें भर्ती करते हुए जांच के लिए सैम्पल बीआरडी पीजी कॉलेज भेज दिया, जबकि केदार की 29 अप्रैल को ही मौत हो गई थी।

गुरुवार की रात बीआरडी मेडिकल कॉलेज से तीनों की जांच रिपोर्ट आई जिसमें हनीफ के कोरोना पॉजिटिव होने से जिले में हड़कंप मच गया। जिलाधिकारी अमित किशोर के निर्देश पर रात करीब दो बजे ही हनीफ मंसूरी को जिला अस्पताल से मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया। यही नहीं जिला अस्पताल के मैटर्निटी विंग में बने आइसोलेशन वार्ड को भी रात में ही सेनेटाइज कराया गया। आनन-फानन में चारों के संपर्क में रहे लोगों की सूची बनाई जाने लगी। देर रात अधिकारियों की टीम विशुनपुर कलां, फरेनहा और भैंसा डाबर पहुंची। शुक्रवार की सुबह तक इनकी संपर्क में रहे 47 लोगों को एंबुलेंस से जिला मुख्यालय स्थित एक शौर्य मैरेज हॉल में बने आइसोलेशन वार्ड में लाकर भर्ती कर लिया गया।
इसमें हनीफ की पत्नी शमशुन, बेटी जुलेखा और रेशमा के अलावा भाई शरीफ शामिल हैं। सीएमओ डा आलोक पाण्डेय ने बताया कि सभी का सैम्पल जांच के लिए बीआरडी मेडिकल कॉलेज भेजा जा रहा है। चारों के संपर्क में रहे लोगों की सूची बनाई गई है। जो लोग केदार के अंतिम संस्कार में शामिल हुए थे उन सभी की भी जांच की जा रही है।

अवनीश शंकर राय