लखन–कलेक्टर की जोड़ी ने मचाई धूम, पर सवाल भी उतने ही तेज — घर–घर पानी का दावा, अब नल भी कह रहा है: देखत हन कब बहथंव!

✍ समीर खूंटे, CitiUpdate: कोरबा में पानी की पुरानी पुकार शायद अब इतिहास बनने वाली है।

डीएमएफ फंड से 36.74 करोड़ की ऐतिहासिक स्वीकृतिऔर 20 एमएलडी जल संयंत्रकी शुरुआत के साथ यह दावा किया जा रहा है कि 57 हजार से अधिक लोगों तक अब साफ पानी पहुँचेगा।

शहर में खुशियाँ भी दिखीं, बधाइयाँ भी मिलीं, और नेता?अफसरों की जोड़ी भी चमक उठी?

कहा जा रहा है कि मंत्री लखन देवांगन और कलेक्टर अजीत बसंत की सक्रियता का ही जलजला हैकि मंजूरी इतनी तेज़ी से मिल गई।

पर जैसे ही जनता ने जश्न मनाना शुरू किया,

समीर खूंटे का दिमाग पूछ बैठा?बहुत बढ़िया! पर सवाल भी होंगे, न?

💧 लॉजिकल सवाल जो जनता पूछना चाहती है? पर मीटिंग में पूछ नहीं पाती 😅

*1️⃣ पाइपलाइन पुरानी, लीकेज भारी ? पानी पहुँचेगा कि रास्ते में ही रिस कर बाय-बाय कर देगा?

योजना नई है, पर पाइपें वही पुरानी वाली हैं का?

*2️⃣ पानी आएगा घर?घर, या फिर पानी आएगा और घर-घर टैंकर?

कई योजनाओं में प्लांट बनता है, सप्लाई गायब।

*3️⃣ योजना की स्वीकृति तेज़ है, पर काम की गति भी उतनी ही तेज़ रहेगी या उद्घाटन के बाद फ़ाइलें नींद में चली जाएंगी? 😴

*4️⃣ डीएमएफ का पैसा शहरी क्षेत्रों में?

तो खनन प्रभावित ग्रामीण इलाकों की बारी कब?

*5️⃣ 20 एमएलडी की सप्लाई बढ़ेगी,

पर बिल भी बढ़ेगा या वही रहेगा?

कभी?कभी पानी से ज़्यादा पानी का खर्च प्यासा कर देता है।

*6️⃣ सफाई का पानी मिलेगा,

पर पानी की राजनीतिसे सफाई मिलेगी का?😏

🌍 जनता का रिएक्शन (व्यंग संस्करण)

"विकास तो दिख रहा है,

बस अब ये भी देखना है कि दिखता ही रहे?

या फिर चुनावी पोस्टर से उतरकर प्लांट तक पहुँच जाए!"

दूसरी ओर एक वरिष्ठ नागरिक बोले?

हम त 2010 से सुनत हन कि पानी आही? अब 2025 में कहिथस: ?आवय रे आवय 🤣

📌 निष्कर्ष (समीर खूंटे शैली में)

योजना ऐतिहासिक हो सकती है,

लाभ भी बड़ा है,

लेकिन जनता की प्यास नारा सुनकर नहीं बुझती?नल खोलने पर पानी बहे तब बात बनती है।

अब गेंद सरकार और प्रशासन के पाले में है?

स्वीकृति नहीं, परिणाम का इंतज़ार है।💧

✍ रिपोर्टर: समीर खूंटे

स्रोत: CitiUpdate