सखिया मेले में अनशन पर बैठे संत की हालत बिगड़ी

सखिया में धरने पर बैठे संत की हालत बिगड़ी।
नदी में होकर गुजर रही दर्शनार्थी महिलाएं।
दियोरिया कला। सखिया मेला प्रशासन द्वारा अवैध घोषित किए जाने के विरोध में अनशन पर बैठे जूना अखाड़ा के साधु संतों में एक संत की हालत बिगड़ गई है चार दिन से साधु संत प्रशासन की कार्रवाई के विरोध में अनशन पर बैठे हुए हैं लेकिन अभी तक कोई प्रशासनिक अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा है वहीं पुलिस प्रशासन द्वारा दर्शनार्थी महिलाओं को ब्रह्मदेव तक नहीं जाने दिया जा रहा है जिससे महिलाएं नदी पार कर दर्शन करने जा रही है जबकि नदी में मगरमच्छ आदि का खतरा बना हुआ है ऐसे में पुलिस प्रशासन की सख्ती को लेकर महिलाएं अपनी जान जोखिम में डालकर दर्शन करने जा रही है वहीं पुलिस प्रशासन जनता में अंधविश्वास रोकने की बात कर रहा है जबकि साधु संतों का कहना है कि जब तीन महीने से लगातार भारी भीड़ के कारण भारी जाम लग रहा था उस समय क्या प्रशासन सो रहा था साधु संतों के दखल देने के बाद ही प्रशासन को अंधविश्वास की याद आई है तीन महीने से पूरे मंडल में सखिया मेले की खबरें अखबारों और सोशल मीडिया के माध्यम से लगातार चल रही थी तब प्रशासन को सरकारी जमीन पर लगाई गई दुकानें दिखाई दी और न ही कमेटी द्वारा जमा की गई चंदे की रकम अब जूना अखाड़ा द्वारा मेले में दाखिल होते ही सारे नियम कानून याद आ गये है अब जब भक्तों में आस्था बढ़ी है तभी अंधविश्वास रोकने की बात कहकर भक्तों को पूजा पाठ करने से रोका जा रहा है जबकि सनातन संस्कृति में पूजा करने का अधिकार सभी को है पूजा से वंचित करना सनातन संस्कृति का हनन है अवैध मेला हटवाया गया यह स्वागत योग्य कदम है लेकिन पूजा करने से रोकना गलत कदम है और संत समाज इसकी निंदा करता है पुलिस प्रशासन की सख्ती के चलते महिलाएं दूसरे रास्ते से नदी पार कर दर्शन करने पहुंचने का प्रयास कर रही है।अब देखना यह है कि साधु संतों द्वारा चलाए जा रहे अनशन को लेकर प्रशासन क्या कदम उठा रहा है। योगी राज में साधु संतों का अनशन एक बड़ा मुद्दा बन गया है।