Chandauli News:आस्था की आड़ में भ्रष्टाचार की दीवारें, मनरेगा का मंदिर,ईमानदारी का मखौल,भगवान के घर में भी घोटाले का प्रवचन,लाखों की लागत वाला मंदिर बना मलबे की मिसाल!

शहाबगंज।कहते हैं भक्ति भाव से बने मंदिर में आस्था बसती है,लेकिन शहाबगंज विकास खण्ड के कौड़िहार स्थित लतीफशाह के बाबा बनवारी दास मंदिर में तो आस्था से ज़्यादा कमीशनखोरी की ईंटें गाढ़ दी गईं। ग्राम पंचायत कौड़िहार में मनरेगा के तहत करीब ₹9.97 लाख की लागत से बने इस मंदिर की दीवारें लोकार्पण के सिर्फ एक महीने बाद ही कराहने लगी हैं। जिस चबूतरे पर श्रद्धालु मत्था टेकते हैं, वहीं अब दरारें ताने कस रही हैं।कितनी इमानदारी से बनाया गया हूं मैं! ग्रामीणों का आरोप है कि निर्माण में ऐसी घटिया सामग्री डाली गई कि कोई भी देखें माथा पकड़ लें। सितंबर को क्षेत्रीय विधायक और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ने मंदिर का लोकार्पण बड़े धूमधाम से इसका लोकार्पण किया था। अब वही लोकार्पण लोक-अपमान बन गया है। लोगों का कहना है कि कार्यदायी संस्था ने अधिकारियों की मिलीभगत से कमीशन की ईंटें और भ्रष्टाचार का सीमेंट मिलाकर ईट खड़ा कर दिया। अब दीवारें खुद गवाही दे रही हैं कि किसने ईमानदारी की बली चढ़ाई। गांव वालों ने इस पूरे प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। ताकि अगली बार भगवान के नाम पर कोई भ्रष्टाचार का चबूतरा न खड़ा हो।

अब हाल ये है कि मंदिर की दीवारों से झरता प्लास्टर मानो खुद बयान दे रहा हो मेरे भीतर की श्रद्धा, रिश्वत में गल गई। गांव के बुज़ुर्ग कहते हैं,पहले मंदिर में भगवान विराजते थे, अब कमीशन बैठा है। बारिश की दो बौछारें पड़ीं और मंदिर का गर्भगृह जैसे किसी गुनाह का इक़बाल कर गया। सवाल उठता है, क्या ये श्रद्धा का स्थान है या ठेकेदार की जेब का विस्तार? ग्रामीणों ने चेताया है कि अगर दोषियों पर शिकंजा नहीं कसा गया, तो अगली बार मंदिर नहीं, आंदोलन खड़ा होगा।