एडवोकेट पैनल्स के साथ न्याय की नई राह*

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पीर मुछल्ला जीरकपुर: समाज में न्याय, सुरक्षा और अधिकारों को लेकर जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से शुरुआत की गई है। इस पहल का मक़सद उन वंचित वर्गों तक कानूनी सहायता और मार्गदर्शन पहुँचाना है, जिन्हें अपने अधिकारों की जानकारी नहीं है या फिर वे कानूनी प्रक्रिया से अनभिज्ञ रहते हैं। इस अभियान को गति देने और जनता तक सही संदेश पहुँचाने के लिए सुमित कुमार को मीडिया एडवाइजर नियुक्त किया गया है। उनकी भूमिका इस अभियान को मीडिया और समाज के बीच सेतु बनाने की होगी, ताकि अधिक से अधिक लोग इस पहल से जुड़ सकें और न्याय की राह पर आगे बढ़ सकें।

बच्चों की सुरक्षा और गुमशुदा मामलों पर गंभीर चिंता

जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड यमुनानगर की सदस्य डॉ. शालिनी शर्मा ने अपने विचार रखते हुए कहा कि बच्चों के अधिकारों और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उन्होंने गुमशुदा बच्चों की बढ़ती घटनाओं पर चिंता व्यक्त की और बताया कि ऐसे मामलों में परिवारों को कानूनी व सामाजिक सहयोग दोनों की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि समाज को यह समझना होगा कि हर बच्चा हमारा साझा दायित्व है और मिलकर ही हम उन्हें सुरक्षित वातावरण दे सकते हैं।

कानूनी अधिकारों पर जागरूकता की ज़रूरत

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट, चंडीगढ़ के एडवोकेट अजय कुमार दहिया ने कहा कि बड़ी संख्या में लोग ऐसे हैं, जिन्हें अपने कानूनी अधिकारों के बारे में जानकारी ही नहीं होती। कई बार लोग न्यायालय से मिलने वाले लाभ से वंचित रह जाते हैं, क्योंकि उन्हें पता नहीं होता कि वे किन परिस्थितियों में अदालत का दरवाज़ा खटखटा सकते हैं। उन्होंने ज़ोर दिया कि ?दिशा मार्ग की पहल? का सबसे बड़ा उद्देश्य जनता को जागरूक करना और यह बताना है कि न्यायालय केवल अमीर या पढ़े-लिखे लोगों के लिए नहीं, बल्कि हर नागरिक के लिए है।

न्याय के लिए कंधे से कंधा मिलाकर साथ

एडवोकेट अदिति सिंह, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट, चंडीगढ़ ने कहा कि न्याय तक पहुँच हर नागरिक का अधिकार है और इस दिशा में हर संभव प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा, ?हम लोगों की समस्याओं को गंभीरता से सुनेंगे और उनके समाधान के लिए कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहेंगे। न्याय की लड़ाई अकेले की नहीं होती, बल्कि इसमें समाज के हर वर्ग की भागीदारी आवश्यक है।? उन्होंने भरोसा दिलाया कि यह पहल वंचितों को आवाज़ देने और उन्हें न्याय दिलाने का सशक्त माध्यम बनेगी।

गुमशुदा बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा को मिशन बनाया

क्राइम ब्रांच पंचकूला के सब-इंस्पेक्टर राजेश कुमार ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि उनका मिशन बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों की सुरक्षा है। उन्होंने कहा कि यदि कोई बच्चा लापता हो जाता है, तो तुरंत डायल 112 पर कॉल करनी चाहिए ताकि पुलिस तुरंत कार्रवाई कर सके। राजेश कुमार ने स्पष्ट किया कि गुमशुदा बच्चों को उनके परिवारों तक पहुँचाना और असुरक्षित वर्ग की सुरक्षा करना उनकी ज़िम्मेदारी है, जिसे वे पूरी निष्ठा और तत्परता से निभाते हैं।

?जे पहल? केवल एक कानूनी जागरूकता कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह एक व्यापक सामाजिक आंदोलन का स्वरूप ले रहा है। इस पहल में कानूनी विशेषज्ञों, प्रशासनिक अधिकारियों और समाजसेवियों की भागीदारी इसे और अधिक मज़बूत बनाती है। बच्चों की सुरक्षा, महिलाओं और बुजुर्गों की देखभाल, और आम जनता को न्याय दिलाने की दिशा में यह प्रयास समाज के हर व्यक्ति तक न्याय और सुरक्षा का संदेश पहुँचाता है।

सुमित कुमार के मीडिया एडवाइजर बनने से इस पहल को नई ऊर्जा मिली है। उनकी ज़िम्मेदारी होगी कि इस अभियान से जुड़ी हर गतिविधि, विचार और संदेश जनता तक सही तरीके से पहुँचे। मीडिया की भूमिका समाज को जागरूक करने में सबसे अहम होती है और इस प्रयास से निश्चित रूप से अधिक से अधिक लोग लाभान्वित होंगे।

इस कार्यक्रम में साझा किए गए विचारों से यह स्पष्ट है की समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए एक ठोस कदम है। चाहे बात गुमशुदा बच्चों की हो, महिलाओं की सुरक्षा की हो, बुजुर्गों की देखभाल की हो या फिर आम जनता को कानूनी अधिकारों की जानकारी दिलाने की?यह पहल हर दिशा में सार्थक भूमिका निभाने जा रही है। वकीलों, पुलिस अधिकारियों और समाजसेवियों की संयुक्त भागीदारी से यह उम्मीद की जा सकती है कि आने वाले समय में यह पहल न्याय की नई राह खोलने का काम करेगी।