अमावस्या मेले में जनसाहस संस्था ने लगाया जागरूकता शिविर मजदूर व महिला श्रमिकों को हेल्पलाइन सेवाओं और अधिकारों की दी गई जानकारी

अमावस्या मेले में जनसाहस संस्था ने लगाया जागरूकता शिविर

मजदूर व महिला श्रमिकों को हेल्पलाइन सेवाओं और अधिकारों की दी गई जानकारी

दिनांक ? 24 जुलाई 2025

स्थान ? रामघाट, चित्रकूट, उत्तर प्रदेश

आज दिनांक 24 जुलाई 2025 को चित्रकूट जिले के रामघाट में अमावस्या के अवसर पर लगने वाले पारंपरिक मेले में जनसाहस संस्था द्वारा एक महत्वपूर्ण जागरूकता शिविर (सेवर) का आयोजन किया गया। इस शिविर का उद्देश्य मेले में आने वाले मजदूर और श्रद्धालुओं को उनके श्रम अधिकारों, महिला सुरक्षा, और सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के प्रति जागरूक करना रहा।

इस शिविर के दौरान जल शासन संस्था द्वारा संचालित मजदूर हेल्पलाइन नंबर 1800 120 11211 के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। जनसाहस संस्था की टीम ने आने-जाने वाले लोगों को बताया कि यह हेल्पलाइन विशेषकर उन श्रमिकों के लिए उपयोगी है जो निम्न समस्याओं से जूझ रहे हैं:

बंधुआ मजदूरी

जबरन मजदूरी कराना

मजदूरी का भुगतान न होना

यौन शोषण जैसी स्थितियाँ

महिलाओं के साथ कार्यस्थल पर हो रहा उत्पीड़न

सरकारी योजनाओं के आवेदन व लाभ का न मिल पाना

शिविर के माध्यम से लोगों को न केवल हेल्पलाइन नंबर की जानकारी दी गई बल्कि यह भी बताया गया कि किसी भी प्रकार की शिकायत, सहायता या मार्गदर्शन हेतु वे सीधे इस टोल-फ्री नंबर पर संपर्क कर सकते हैं। यह नंबर संसार संस्था द्वारा संचालित किया जा रहा है, जो ज़रूरतमंद मज़दूरों को उचित सहयोग और सहायता प्रदान करने का कार्य कर रही है।

जनसाहस संस्था की टीम ने पर्चों, पोस्टरों और संवाद के माध्यम से महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों एवं मज़दूर परिवारों को सरकारी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं (जैसे- श्रमिक पेंशन, विधवा पेंशन, बाल संरक्षण, पीएम श्रमिक कार्ड, बीमा योजना आदि) की जानकारी भी दी।

शिविर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु व मज़दूर वर्ग के लोग रुचि लेकर शामिल हुए और हेल्पलाइन से जुड़ने की प्रक्रिया को समझा।

कार्यक्रम में जनसाहस संस्था के स्वयंसेवकों द्वारा लोगों को मौखिक रूप से भी उनके अधिकारों और सुरक्षा उपायों के बारे में जागरूक किया गया।

संस्था का उद्देश्य है कि देश के प्रत्येक मज़दूर को सम्मान और न्याय मिले, और उन्हें उनके श्रम का सही मू

ल्य प्राप्त हो सके।