हरदोई में स्वामी प्रसाद मौर्य का भाजपा-सपा पर हमला, बोले- दोनों हैं गुंडाराज और जंगलराज के प्रतीक, अखिलेश के PDA की दिशा नहीं है स्पष्ट

हरदोई। अपनी जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने हरदोई में एक जनसभा के दौरान प्रदेश और केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि आज देश का पढ़ा-लिखा, उच्च शिक्षित युवा मात्र 8-10 हजार रुपये की संविदा नौकरी करने को मजबूर है। ऐसे में वह अपना और अपने परिवार का पालन-पोषण तथा इलाज कैसे कर पाएगा। इससे पूरे प्रदेश का युवा वर्ग बेहद परेशान और हताश है।

स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि पहले की सरकारों में प्राइवेट सेक्टर का राष्ट्रीयकरण किया जाता था, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ते थे और बेरोजगारी में कमी आती थी। लेकिन आज की सरकारें इसके विपरीत प्राइवेटाइजेशन को बढ़ावा दे रही हैं, जिससे नौकरियां खत्म हो रही हैं और बेरोजगारी चरम पर पहुंच चुकी है।

सपा और भाजपा पर एक साथ हमला बोलते हुए मौर्य ने कहा, ये दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। भाजपा खुलकर कट्टर हिंदुत्व की बात करती है, तो अखिलेश यादव सॉफ्ट हिंदुत्व की राजनीति कर रहे हैं। लड़ाई न सॉफ्ट हिंदू और न हार्ड हिंदू की है, बल्कि असली लड़ाई है बेरोजगारी, महंगाई और गरीबी के खिलाफ।

उन्होंने समाजवादी पार्टी पर तंज कसते हुए कहा कि अखिलेश यादव कभी PDA की बात करते हैं, जिसमें कभी 'P' का मतलब पंडित होता है और कभी पिछड़ा, 'A' का कभी मतलब आधी आबादी होता है और कभी अल्पसंख्यक। इससे साफ है कि उनकी राजनीति में कोई स्पष्ट दिशा नहीं है।

मौर्य ने अपने राजनीतिक जीवन पर बात करते हुए कहा, हमने कभी पद और प्रतिष्ठा के लिए राजनीति नहीं की। छह बार मंत्री और तीन बार नेता प्रतिपक्ष रहा, लेकिन सपा के महासचिव और एमएलसी पद से इस्तीफा दिया क्योंकि हमने कभी अपनी विचारधारा से समझौता नहीं किया।

उन्होंने कहा कि बाबा साहब अंबेडकर और कांशीराम के विचारों को आगे बढ़ाकर वे एक वैचारिक लड़ाई लड़ रहे हैं। 2027 के विधानसभा चुनाव में तीसरे मोर्चे के नेतृत्व में सरकार बनाने का दावा भी उन्होंने किया।

अंत में उन्होंने कहा, अखिलेश यादव की सरकार गुंडाराज की पर्याय थी और योगी आदित्यनाथ की सरकार उस गुंडाराज को भी पीछे छोड़ चुकी है। इसलिए प्रदेश की जनता को गुंडाराज और जंगलराज से मुक्ति दिलाना ज़रूरी है।